July 19, 2025 12:51 AM

बिहार की भूमि से मिलते हैं परिश्रमी किसान और प्रतिभा: शिवराज सिंह चौहान– पूसा विवि के दीक्षांत समारोह में बोले केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री

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बिहार की भूमि से मिलते हैं मेहनती किसान और टैलेंट: शिवराज सिंह चौहान

पटना।
केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को बिहार के समस्तीपुर जिले स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में आयोजित चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए बिहार की प्रतिभा और कृषि क्षेत्र में योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अगर देश को मेहनती किसान और प्रतिभाशाली युवा चाहिए, तो वह बिहार की भूमि से ही मिलते हैं। यहां के नौजवान परिश्रमी, कर्तव्यनिष्ठ और समर्पित हैं।

कृषि क्षेत्र में अभी भी अपार संभावनाएं

शिवराज सिंह ने कहा कि देश ने कृषि के क्षेत्र में लंबी यात्रा तय की है, लेकिन अब भी कई मोर्चों पर काम किया जाना बाकी है। उन्होंने डिग्री प्राप्त कर रहे छात्रों से आह्वान किया कि वे अपनी सीखी गई शिक्षा को खेतों में उतारें, स्टार्टअप शुरू करें, तकनीक के सहारे उत्पादन बढ़ाएं और लागत घटाने के उपाय खोजें।

“दीक्षा का मतलब शिक्षा की समाप्ति नहीं, बल्कि नए युग की शुरुआत है। अनंत आकाश की उड़ान भरो और खुद को पहचानो।”
– शिवराज सिंह चौहान

उन्होंने कहा कि छात्रों को केवल पैसे कमाने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि जीवन के उच्चतर उद्देश्यों की तलाश करनी चाहिए। युवाओं को चाहिए कि वे लक्ष्य तय करें और उस पर पहुंचने का रोडमैप बनाएं।

लाल बहादुर शास्त्री से लेकर आज तक का सफर

शिवराज सिंह ने अपने संबोधन में अतीत की कठिनाइयों की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब लाल बहादुर शास्त्री को अन्न संकट के चलते देशवासियों से सप्ताह में एक दिन उपवास रखने की अपील करनी पड़ी थी, लेकिन आज हालात बदल चुके हैं।

  • देश के भंडार अन्न से भर चुके हैं।
  • हम गेहूं आयात नहीं, निर्यात कर रहे हैं।
  • 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज दिया जा रहा है।
  • बासमती चावल का निर्यात 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।

बिहार की कृषि विशेषताओं की सराहना

केंद्रीय मंत्री ने बिहार की मक्का और सब्जी उत्पादन की भी खुलकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि समस्तीपुर की सब्जियां पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो रही हैं, और यहां की शाही लीची का स्वाद विश्व स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है।



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