पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को बिहार के मोतिहारी स्थित पीपरा कोठी कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित “विकसित कृषि संकल्प अभियान” कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए इस अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प की सशक्त कड़ी बताया। उन्होंने कहा कि बिना विकसित कृषि और समृद्ध किसान के भारत के विकास की कल्पना अधूरी है।
“लैब टू लैंड” मॉडल से बदलेगा देश की खेती का चेहरा
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 29 मई से 12 जून तक चल रहे इस अभियान में 16,000 वैज्ञानिकों की टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक सिखा रही हैं। अभियान का उद्देश्य कम लागत में अधिक उपज, आधुनिक तकनीकों का प्रचार, प्राकृतिक खेती, ड्रोन के माध्यम से खेती, डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि “लैब टू लैंड” और “एक देश, एक कृषि, एक टीम” के संकल्प के साथ यह अभियान देशभर में किसानों को नई ऊर्जा देने का कार्य कर रहा है।
किसानों को मिल रहा उचित मूल्य, सरकार गंभीर
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि में नवाचार और संरक्षण दोनों पर ध्यान दे रही है। मोतिहारी की ऐतिहासिक भूमि का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि जिस धरती पर महात्मा गांधी का चंपारण सत्याग्रह हुआ, वहां आज मिर्चा धान के चूड़े और लीची के उत्पादन को संरक्षित करने के लिए विशेष योजनाएं लाई जाएंगी।

स्टॉलों का निरीक्षण और किसानों से संवाद
कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने केवीके परिसर में लगे विभिन्न विभागों के स्टॉलों का निरीक्षण किया। इनमें प्राकृतिक खेती, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, जल जीवन हरियाली, पोषक अनाज, मृदा जांच जैसी पहलें शामिल थीं। उन्होंने किसान चौपाल के ज़रिए किसानों की समस्याएं भी सुनीं, और बेतिया के किसान आनंद कुमार के मिर्चा चूड़े व मोतिहारी के राजेश यादव के पपीते की प्रशंसा की।
प्रमुख जनप्रतिनिधियों की सहभागिता
इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी, बिहार सरकार के गन्ना उद्योग मंत्री कृष्णनंदन पासवान, पूर्व मंत्री प्रमोद कुमार, कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल, कुलपति डॉ. पीएस पांडेय, अटारी निदेशक डॉ. अंजनी कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इस जन-संवाद और तकनीकी सहभागिता वाले आयोजन में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी का “विकसित भारत” सपना जमीनी स्तर पर कृषि सशक्तिकरण के माध्यम से साकार हो रहा है।
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