शिलॉन्ग। ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में सोमवार को मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी समेत चारों आरोपियों को शिलॉन्ग कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने इनकी 7 दिन की रिमांड मांगी है, ताकि आरोपियों से गहन पूछताछ की जा सके और घटनास्थल पर ले जाकर सीन रीक्रिएट किया जा सके। कोर्ट में पेशी से पहले सभी आरोपियों को शिलॉन्ग के सदर थाने में रखा गया था, जहां सीआरपीएफ की कड़ी सुरक्षा में उन्हें रखा गया। थाने के बाहर स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जुट गई, जो इन हाई-प्रोफाइल आरोपियों को देखने के लिए जमा हुई थी।
एसआईटी जांच में हुआ बड़ा खुलासा
एसआईटी और पुलिस जांच के मुताबिक, राजा और सोनम की शादी 11 मई को हुई थी। शादी के महज 12 दिन बाद 23 मई को राजा की आखिरी बार अपने परिवार से बात हुई थी। इसके बाद उसका 2 जून को शव बरामद हुआ। सोनम 17 दिन तक लापता रही और 9 जून को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पुलिस के हत्थे चढ़ी, जिसके बाद हत्याकांड का पूरा सच सामने आया।
हत्या की साजिश: प्लान ए और बी
शिलॉन्ग के एसपी विवेक स्येम ने बताया कि सोनम 22 मई को ही शिलॉन्ग पहुंच गई थी और उसी दिन से उसने हत्या की साजिश को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया था। प्लान-ए के तहत सोनम राजा को पहाड़ियों पर ले गई थी और वहां सेल्फी लेने के बहाने उसे खाई में धक्का देना चाहती थी, लेकिन अंधेरा और बारिश के चलते वह योजना फेल हो गई।
इसके बाद प्लान-बी पर काम करते हुए 23 मई को हत्या को अंजाम दिया गया। तीनों सुपारी किलर्स ने स्वीकार किया है कि हत्या के बाद सभी आरोपी घटनास्थल से 11 किलोमीटर दूर इकट्ठा हुए थे।
हत्या के बाद सोनम की इंदौर वापसी
हत्या के बाद 25 मई को सोनम ट्रेन से शिलॉन्ग से सिलीगुड़ी और फिर इंदौर पहुंची। यहां वह किराए के मकान में छिपी रही, इसके बाद एक ड्राइवर की मदद से वाराणसी और फिर गाजीपुर पहुंची, जहां उसकी गिरफ्तारी हुई।
अब रिमांड पर होगा बड़ा खुलासा
पुलिस सूत्रों का कहना है कि रिमांड के दौरान आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाया जाएगा, ताकि हत्या के क्रम की पुष्टि और सबूतों की पुष्टि की जा सके। सोनम और तीनों किलर्स का आमना-सामना भी कराया जा सकता है। सीन रीक्रिएशन से यह तय किया जाएगा कि हत्या की योजना किसने और कैसे बनाई।