शिखर धवन से ईडी ने अवैध सट्टेबाजी मामले में की पूछताछ – वन एक्स बेट एप जांच
नई दिल्ली। भारत के पूर्व क्रिकेटर शिखर धवन गुरुवार को कथित अवैध सट्टेबाजी एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। धवन ने सुबह 11 बजे मध्य दिल्ली स्थित ईडी कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह पूछताछ ‘वन एक्स बेट’ नामक अवैध सट्टेबाजी एप से जुड़ी जांच के तहत की गई। इस जांच के अंतर्गत धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act, PMLA) के प्रावधानों के तहत उनका बयान दर्ज किया गया।
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शिखर धवन के संबंध और जांच का उद्देश्य
सूत्रों ने बताया कि शिखर धवन इस एप से जुड़े कुछ विज्ञापनों के जरिए संबंध रखते हैं। ईडी इस बात की जांच कर रही है कि क्या उन्होंने इस एप के संचालन या निवेश से संबंधित किसी गतिविधि में कोई भूमिका निभाई है।
ईडी का मानना है कि इस एप के माध्यम से कई लोग और निवेशक करोड़ों रुपये की ठगी या भारी कर चोरी के शिकार हुए हैं। शिखर धवन के बयान से एजेंसी को यह समझने में मदद मिलेगी कि इस एप में उनका वास्तविक संबंध कितना गंभीर है।
पूर्व क्रिकेटरों से भी जांच
इससे पहले इस मामले में पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना से भी पूछताछ की जा चुकी है। ईडी इस मामले में विभिन्न पूर्व खिलाड़ियों, निवेशकों और एप संचालकों से जुड़े सभी पहलुओं की व्यापक जांच कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने हाल ही में वास्तविक धन वाली ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम देश में ऑनलाइन सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों को रोकने के लिए उठाया गया है।
ईडी की जांच की व्यापकता
ईडी अवैध सट्टेबाजी एप्स से जुड़े कई मामलों की जांच कर रही है। जांच का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत आरोप नहीं बल्कि पूरे ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क की आर्थिक और कानूनी स्थिति का पता लगाना है।
इस मामले में जांच एजेंसी ने डिजिटल लेन-देन, बैंकिंग ट्रांजेक्शन और एप के संचालन से जुड़े सभी रिकॉर्ड्स का विश्लेषण शुरू कर दिया है।
शिखर धवन का बयान
धवन ने ईडी के सामने सहयोग दिया और जांच एजेंसी को उनके विज्ञापन संबंधी और किसी भी निवेश या लेन-देन के बारे में स्पष्ट जानकारी प्रदान की। अधिकारी यह भी स्पष्ट करते हैं कि पूछताछ का उद्देश्य केवल यह समझना है कि क्या उनके जुड़ाव में कोई गैरकानूनी गतिविधि हुई है।
विशेषज्ञों की टिप्पणी
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले अब गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा और वित्तीय धोखाधड़ी के मुद्दे बन गए हैं। ऐसे मामलों में जांच एजेंसियों की तेजी से कार्रवाई और पूर्व खिलाड़ियों की जांच यह संदेश देती है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है।
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