शेयर बाजार में 4 नवंबर को गिरावट: सेंसेक्स 200 अंक टूटा, निफ्टी भी फिसला, बैंकिंग और आईटी सेक्टर पर दबाव
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार, 4 नवंबर को गिरावट का माहौल बना हुआ है। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सेंसेक्स 200 अंकों से अधिक फिसलकर 83,750 के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी लगभग 70 अंकों की गिरावट के साथ 25,650 के स्तर पर पहुंच गया है। शुरुआती कारोबार में निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया है, जिससे बाजार पर दबाव दिखाई दे रहा है।
सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयरों में गिरावट
बाजार में बिकवाली का असर व्यापक है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 19 गिरावट में हैं, जबकि केवल 11 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। बैंकिंग, ऑटो और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट देखी जा रही है। वहीं, फार्मा और रियल्टी शेयरों में हल्की खरीदारी से इन सेक्टरों में थोड़ी मजबूती बनी हुई है।
आईटी सेक्टर पर दबाव का कारण अमेरिकी टेक कंपनियों के तिमाही नतीजे और डॉलर की मजबूती मानी जा रही है। ऑटो सेक्टर में भी हाल के महीनों में हुई तेजी के बाद मुनाफावसूली देखने को मिल रही है। बैंकिंग शेयरों में निजी बैंकों की कमजोरी से बाजार पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है।
ग्रो का आईपीओ आज से खुला
आज से ब्रोकरेज और निवेश प्लेटफॉर्म ग्रो (Groww) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) खुल गया है। निवेशकों में इस आईपीओ को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि रिटेल निवेशकों की मजबूत भागीदारी से यह आईपीओ अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। हालांकि, बाजार की मौजूदा स्थिति निवेशकों के मन में थोड़ी अनिश्चितता भी पैदा कर रही है।
वैश्विक बाजारों में मिला-जुला रुख
एशियाई बाजारों में आज मिश्रित कारोबार देखने को मिल रहा है। जापान का निक्केई इंडेक्स 0.096% गिरकर 52,361 पर, और दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 1.59% नीचे 4,154 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 0.21% चढ़कर 26,213 पर है, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.19% की गिरावट के साथ 3,969 के स्तर पर है।
पश्चिमी बाजारों की बात करें तो 3 नवंबर को अमेरिकी बाजारों में भी हल्की गिरावट दर्ज की गई। डाउ जोन्स 0.48% गिरकर 47,336 पर बंद हुआ, जबकि नैस्डेक कंपोजिट 0.46% और एसएंडपी 500 0.17% की मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। इससे एशियाई बाजारों पर भी दबाव देखने को मिला है।
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विदेशी निवेशकों ने निकाले पैसे, घरेलू निवेशक सक्रिय
विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) अब भी भारतीय बाजार से पूंजी निकाल रहे हैं। 3 नवंबर को उन्होंने लगभग ₹1,686 करोड़ के शेयर बेचे। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने बाजार में भरोसा बनाए रखते हुए ₹3,273 करोड़ के शेयर खरीदे।
अक्टूबर महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने ₹14,610 करोड़ का निवेश किया, जो सितंबर में हुई भारी बिकवाली के बाद एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा था। सितंबर में FPI ने ₹35,301 करोड़ के शेयर बेचे थे, जबकि घरेलू निवेशकों ने उसी दौरान ₹65,343 करोड़ की नेट खरीदारी की थी। यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारतीय निवेशक अब बाजार में स्थिरता लाने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
कल का कारोबार रहा फ्लैट
पिछले कारोबारी दिन यानी 3 नवंबर को बाजार में उतार-चढ़ाव भरा सत्र देखने को मिला। सेंसेक्स 39 अंकों की मामूली गिरावट के साथ 84,000 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 41 अंकों की हल्की बढ़त के साथ 25,763 पर बंद हुआ। उस दिन सरकारी बैंकिंग और फार्मा शेयरों में मजबूती देखी गई थी, जबकि आईटी और एफएमसीजी सेक्टर में दबाव रहा।
बाजार विश्लेषण
विशेषज्ञों का कहना है कि निकट भविष्य में बाजार का रुख वैश्विक संकेतों और कॉर्पोरेट नतीजों पर निर्भर करेगा। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड, डॉलर इंडेक्स और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से भारतीय बाजार पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, आने वाले दिनों में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति से भी निवेशकों को दिशा मिलेगी।
निवेशकों के लिए सलाह है कि फिलहाल बाजार में उच्च उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है, इसलिए किसी भी निवेश से पहले लंबी अवधि की रणनीति अपनाएं और जल्दबाजी में फैसले न लें।
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