नई दिल्ली, 22 फरवरी – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रिंसिपल सेक्रेटरी-2 नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी द्वारा शनिवार को की गई, जिसकी जानकारी कमेटी के सेक्रेटरी मनीष सक्सेना ने दी। इस नई जिम्मेदारी के साथ, दास अब प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
75 दिनों के भीतर मिली बड़ी जिम्मेदारी
शक्तिकांत दास 10 दिसंबर 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर पद से रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट के ठीक 75 दिन बाद, यानी 22 फरवरी 2025 को, उन्हें प्रधानमंत्री का प्रिंसिपल सेक्रेटरी-2 नियुक्त किया गया। यह उनकी प्रशासनिक दक्षता और नीतिगत अनुभव को देखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।
पीके मिश्रा के साथ करेंगे काम
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में पहले से ही पीके मिश्रा प्रिंसिपल सेक्रेटरी-1 के पद पर कार्यरत हैं। अब शक्तिकांत दास नंबर 2 की पोजीशन संभालेंगे। मिश्रा गुजरात कैडर के एक रिटायर्ड सीनियर अधिकारी हैं, जबकि दास तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के IAS अधिकारी रह चुके हैं। दोनों अधिकारी प्रशासनिक अनुभव के धनी हैं और सरकार के विभिन्न नीतिगत फैसलों में अहम भूमिका निभा चुके हैं।
शक्तिकांत दास का करियर और अनुभव
शक्तिकांत दास भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर रह चुके हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, वे भारत के G20 शेरपा और 15वें वित्त आयोग के सदस्य के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
अपने 42 साल के लंबे प्रशासनिक करियर में दास ने वित्त, निवेश और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में गहरी समझ विकसित की है। उनके पास मौद्रिक नीतियों, आर्थिक सुधारों और राजकोषीय नीतियों का व्यापक अनुभव है, जो प्रधानमंत्री मोदी की टीम में उनकी भूमिका को और अधिक महत्वपूर्ण बना सकता है।
सरकार के लिए अहम होंगे दास के अनुभव
शक्तिकांत दास की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारतीय अर्थव्यवस्था को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। वित्तीय स्थिरता, निवेश में बढ़ोतरी, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में उनकी भूमिका अहम हो सकती है।
उनके पास न केवल नीतिगत फैसले लेने का अनुभव है, बल्कि उन्होंने सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच तालमेल बैठाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी नियुक्ति से PMO को वित्तीय नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने में सहायता मिलेगी।
क्या रहेगा शक्तिकांत दास का मुख्य कार्यक्षेत्र?
प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी-2 के रूप में शक्तिकांत दास का कार्यक्षेत्र मुख्य रूप से वित्तीय नीतियां, आर्थिक सुधार, प्रशासनिक समन्वय और वैश्विक आर्थिक संबंधों से जुड़ा होगा। उनका अनुभव सरकार की आर्थिक नीतियों को मजबूत करने और नए निवेश अवसरों को बढ़ावा देने में कारगर साबित हो सकता है।
शक्तिकांत दास की प्रधानमंत्री मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी-2 के रूप में नियुक्ति सरकार की रणनीतिक सोच को दर्शाती है। उनके पास व्यापक प्रशासनिक अनुभव और आर्थिक मामलों की गहरी समझ है, जो उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में अपने नए कार्यभार को कैसे संभालते हैं और देश की आर्थिक नीतियों को किस दिशा में ले जाते हैं।