मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दिए सख्त निर्देश – “कानून तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा”
सिवनी लूटकांड में एसडीओपी पूजा पांडे सहित 5 पुलिसकर्मी गिरफ्तार, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दिए सख्त निर्देश
भोपाल। मध्यप्रदेश के सिवनी ज़िले में हवाला कारोबार से जुड़ी तीन करोड़ रुपए की लूटकांड ने पूरे पुलिस महकमे को हिला दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए सीधे एसडीओपी पूजा पांडे सहित 11 पुलिसकर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इनमें से 5 अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के निर्देश पर की गई है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार और कानून तोड़ने वालों के प्रति किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेगी।
🚨 मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा —
“कानून सबके लिए समान है। अपने कर्तव्यों से भटकने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस का दायित्व नागरिकों की सुरक्षा करना है, न कि कानून का दुरुपयोग।”
उन्होंने कहा कि सिवनी प्रकरण में दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में सुशासन कायम रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
⚖️ दर्ज हुई गंभीर धाराओं में एफआईआर
सिवनी लूट प्रकरण में दर्ज प्राथमिकी भारतीय न्याय संहिता (BNS) की निम्नलिखित धाराओं के अंतर्गत की गई है —
- धारा 310(2) – डकैती
- धारा 126(2) – गलत तरीके से रोकना
- धारा 140(3) – अपहरण
- धारा 61(2) – आपराधिक षड्यंत्र
इन धाराओं के तहत कार्रवाई बेहद गंभीर मानी जाती है और दोष सिद्ध होने पर कड़ी सजा का प्रावधान है।

👮♀️ गिरफ्तार अधिकारी और कर्मचारी
अब तक गिरफ्तार किए गए पांच पुलिसकर्मी हैं —
- एसडीओपी सिवनी पूजा पांडे
- एसआई अर्पित भैरम
- हवलदार योगेंद्र
- आरक्षक नीरज
- आरक्षक जगदीश
इनके अलावा जिन 6 अन्य पुलिसकर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, वे हैं —
- प्रधान आरक्षक माखन,
- प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला,
- प्रधान आरक्षक रविंद्र उईके,
- आरक्षक रितेश वर्मा,
- एसएएफ आरक्षक केदार,
- एसएएफ आरक्षक सुभाष सदाफल।
💰 लूट का खुलासा: बरामद हुए तीन करोड़, रिकॉर्ड में दिखाए केवल डेढ़ करोड़
मामला तब सामने आया जब यह जानकारी मिली कि सिवनी पुलिस ने नागपुर के हवाला कारोबारी सोहन परमार से तीन करोड़ रुपए नकद बरामद किए थे। लेकिन आधिकारिक रिकॉर्ड में केवल 1.45 करोड़ रुपए की जब्ती दर्ज की गई। आरोप है कि शेष 1.55 करोड़ रुपए पुलिसकर्मियों ने आपस में बांट लिए और कारोबारी को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के छोड़ दिया।
यह मामला सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया। वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस जब्ती की जानकारी समय पर नहीं दी गई थी। जब जांच शुरू हुई तो कई स्तरों पर जानकारी छिपाने और रिकॉर्ड में हेराफेरी की पुष्टि हुई।

🔍 जांच में सामने आया ‘प्लान्ड रॉबरी’ का शक
जांच में यह भी सामने आया है कि यह कोई अचानक हुई घटना नहीं थी, बल्कि पूरी योजना बनाकर की गई थी। अधिकारियों ने हवाला कारोबारी से रुपए जब्त किए, लेकिन आधिकारिक रिकॉर्ड में कम राशि दर्ज की। इस रकम को बाद में आपस में बांटने का प्रयास किया गया। जब मामला उच्च स्तर तक पहुंचा, तो मुख्यमंत्री कार्यालय ने तुरंत हस्तक्षेप किया।
🧩 विभाग में मचा हड़कंप, पुलिस महकमे में मंथन
इस घटना ने पूरे पुलिस महकमे की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गृह विभाग ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए सीनियर स्तर की जांच टीम गठित की है। टीम यह जांच करेगी कि क्या इस कांड में और अधिकारी शामिल हैं या किसी उच्च पदस्थ अधिकारी की मिलीभगत रही है।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने इस मामले पर गृह विभाग के प्रमुख सचिव और डीजीपी को सख्त निर्देश दिए हैं कि जांच निष्पक्ष, त्वरित और पारदर्शी तरीके से पूरी होनी चाहिए।
⚖️ मुख्यमंत्री का सख्त संदेश
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि “राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। जो भी कानून की मर्यादा तोड़ेगा, वह चाहे किसी भी पद पर हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस को जनता के विश्वास का प्रतीक होना चाहिए, भय का नहीं।”
🧱 राज्य में “जीरो टॉलरेंस” की नीति
मध्यप्रदेश सरकार ने हाल के दिनों में ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को और सख्ती से लागू करने का संकेत दिया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि प्रशासनिक और पुलिस तंत्र में भ्रष्टाचार या अपराध में लिप्त अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ तुरंत और कठोर कार्रवाई की जाएगी।
📰 पृष्ठभूमि: हवाला कारोबार पर बढ़ी निगरानी
पिछले कुछ महीनों से प्रदेश में हवाला कारोबार पर लगातार शिकंजा कसने की कोशिश की जा रही है। सिवनी, छिंदवाड़ा और जबलपुर ज़िलों में खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर कई छापे मारे गए हैं। सिवनी का यह मामला इसी श्रृंखला में सबसे बड़ा माना जा रहा है।
सरकार का कहना है कि इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में हवाला और अवैध लेनदेन पर निगरानी बढ़ाई जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों को रोका जा सके।
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