मुंबई। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से जुड़े बयान के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने बुधवार को सकारात्मक रुख दिखाया। घरेलू बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही हरे निशान पर खुले और शुरुआती कारोबार में मजबूत तेजी दर्ज की गई।
सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त
बुधवार को कारोबार की शुरुआत में बीएसई सेंसेक्स 333.19 अंक की बढ़त के साथ 73,323.12 अंक पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी ने भी मजबूती दिखाते हुए 92.85 अंक चढ़कर 22,175.50 अंक पर कारोबार शुरू किया। शुरुआती घंटे में ही बाजार में निवेशकों का भरोसा मजबूत दिखा और दोनों सूचकांक लगातार चढ़ते नजर आए।
कुछ देर बाद सेंसेक्स में और तेजी आई और यह 564.80 अंक या 0.77 प्रतिशत की उछाल के साथ 73,554.73 अंक तक पहुंच गया। इसी तरह निफ्टी भी 176.65 अंक या 0.8 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,259.30 अंक पर कारोबार करता दिखा।
रुपया भी हुआ मजबूत
घरेलू शेयर बाजार की मजबूती का असर भारतीय मुद्रा पर भी दिखाई दिया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को एक पैसे गिरकर 87.20 प्रति डॉलर पर खुला, लेकिन बाजार के सकारात्मक रुख से रुपया जल्द ही स्थिर हो गया।
एफआईआई की बिकवाली के बावजूद बाजार में मजबूती
मंगलवार को शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुद्ध रूप से 3,405.82 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की थी। इसके बावजूद घरेलू निवेशकों की मजबूत खरीदारी ने बाजार को गिरने नहीं दिया और सेंसेक्स-निफ्टी लगातार बढ़ते रहे।
एशियाई बाजारों का असर
भारतीय शेयर बाजार में तेजी का एक बड़ा कारण एशियाई बाजारों में आई तेजी भी रही। जापान का निक्केई इंडेक्स और हांगकांग का हैंगसेंग भी हरे निशान पर कारोबार कर रहे थे। एशियाई बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों ने भारतीय बाजार को सहारा दिया।
किन सेक्टर्स में दिखी तेजी?
बुधवार को ज्यादातर सेक्टरों में खरीदारी देखने को मिली।
- बैंकिंग सेक्टर
- आईटी सेक्टर
- ऑटोमोबाइल सेक्टर
- मेटल सेक्टर
- एफएमसीजी सेक्टर
टॉप गेनर स्टॉक्स:
- रिलायंस इंडस्ट्रीज
- एचडीएफसी बैंक
- इंफोसिस
- टाटा मोटर्स
- मारुति सुजुकी
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को मजबूती देखने को मिली। एशियाई बाजारों की मजबूती, घरेलू निवेशकों की खरीदारी और निचले स्तरों पर निवेशकों की दिलचस्पी के कारण सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी बनी रही। बाजार की यह चाल दर्शाती है कि निवेशक फिलहाल वैश्विक घटनाक्रमों के बजाय भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती पर भरोसा जता रहे हैं।