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April 20, 2025 6:07 AM

शेयर बाजार में भारी गिरावट: सेंसेक्स 800 और निफ्टी 300 अंक टूटा, फार्मा सेक्टर पर ट्रम्प के बयान से मची हलचल

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मुंबई।
4 अप्रैल को शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 800 अंक लुढ़क कर 75,500 के स्तर पर आ गया, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 300 अंक गिरकर 23,000 से नीचे चला गया। निवेशकों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है, खासकर फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर को लेकर, जहां भारी बिकवाली देखने को मिली।

ट्रम्प के टैरिफ बयान का बाजार पर सीधा असर

इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का वह बयान माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने फार्मा सेक्टर पर “अलग कैटेगरी” में टैरिफ लगाने की बात कही। ट्रम्प ने कहा, “मुझे लगता है कि फार्मा में टैरिफ उस स्तर पर आने वाला है, जो आपने पहले कभी नहीं देखा होगा। हम फार्मा सेक्टर पर विचार कर रहे हैं और जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे।” इस बयान के बाद फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर में घबराहट फैल गई, जिससे इन सेक्टरों के शेयरों में 6% तक की गिरावट देखी गई।

गिरावट की तीन प्रमुख वजहें

  1. रेसिप्रोकल टैरिफ का खतरा:
    ट्रम्प द्वारा भारत समेत कई देशों पर 26% तक टैरिफ लगाने की चेतावनी से निवेशकों में चिंता बढ़ी है। इससे भारत के निर्यात क्षेत्र, खासकर फार्मा और टेक्सटाइल सेक्टर पर सीधा असर पड़ सकता है।
  2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली:
    बीते कुछ दिनों से विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारतीय शेयर बाजार से पूंजी निकाल रहे हैं। इससे लिक्विडिटी पर दबाव बढ़ा है और बाजार में अस्थिरता गहराई है।
  3. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता:
    अमेरिका और यूरोप में मंदी की आहट, साथ ही अमेरिकी शेयर बाजार में 2025 की पहली तिमाही में 2.8% तक गिरावट के अनुमान ने ग्लोबल मार्केट सेंटिमेंट को कमजोर किया है। इससे निवेशकों का भरोसा डगमगाया है।

कौन-कौन से सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित

  • फार्मा और हेल्थकेयर: करीब 6% तक की गिरावट
  • मेटल सेक्टर: विदेशी दबाव से 5% से ज्यादा टूटे
  • आईटी, ऑटो और रियल्टी: 3% से अधिक गिरावट
  • बैंकिंग और फाइनेंस: मिड रेंज दबाव में

निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह

विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल ग्लोबल परिस्थितियों को देखते हुए बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है। ट्रम्प के बयानों के असर का पूरी तरह से मूल्यांकन अभी बाकी है। जब तक टैरिफ नीति पर कोई स्पष्टता नहीं मिलती, निवेशकों को सावधानी से कदम बढ़ाने की सलाह दी जा रही है।


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