मुंबई, 7 अप्रैल | ब्यूरो रिपोर्ट – स्वदेश ज्योति
सोमवार की सुबह शेयर बाजार के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रही। डोनाल्ड ट्रंप की जवाबी टैरिफ नीति और वैश्विक आर्थिक हालात ने बाजार की नींव हिला दी। जैसे ही बाजार खुला, निवेशकों को एक के बाद एक झटके लगे — सेंसेक्स और निफ्टी ने बड़ी गिरावट के साथ शुरुआत की, जिससे लाखों करोड़ों का निवेश ध्वस्त हो गया।
📉 शुरुआत से ही बाजार के रंग बदले
- सेंसेक्स 3,939 अंक गिरकर 71,425 के स्तर पर खुला,
- निफ्टी 1,160 अंक टूटकर 21,743 पर आ गया।
- ट्रेडिंग के शुरुआती घंटे में ही 20.16 लाख करोड़ रुपये का निवेश डूब गया।
दोपहर तक सेंसेक्स थोड़ी रिकवरी के बाद भी 3023.51 अंक (4.01%) गिरकर 72,341.18 पर और निफ्टी 983.95 अंक (4.30%) गिरकर 21,920.50 पर कारोबार करता दिखा।
💥 हर सेक्टर में हाहाकार, कोई नहीं बचा
- सेंसेक्स के सभी 30 स्टॉक्स लाल निशान में।
- टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक और एलएंडटी जैसी बड़ी कंपनियों में भारी गिरावट।
- निफ्टी मेटल, आईटी, ऑयल एंड गैस, हेल्थकेयर, ऑटो, रियल्टी और मीडिया सेक्टर 5% तक लुढ़के।
🌍 दुनिया भर में मंदी का साया
🔴 एशियाई बाजारों में भी गिरावट की लहर
- जापान का निक्केई – 6%
- द. कोरिया का कोस्पी – 4.5%
- चीन का शंघाई इंडेक्स – 6.5%
- हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग – 10%
🔻 अमेरिकी बाजार भी चपेट में
- डॉव जोन्स – 2231 अंक गिरा (5.5%)
- S&P 500 – लगभग 6% की गिरावट
- नैस्डैक – 5.8% तक लुढ़का
यह गिरावट कोविड के बाद की सबसे बड़ी वैश्विक गिरावट मानी जा रही है।
🧨 क्यों टूटा बाजार? जानिए बड़ी वजहें
1️⃣ ट्रंप का टैरिफ बम
2 अप्रैल को अमेरिका ने भारत पर 26% का टैरिफ लागू कर दिया। इसके अलावा वियतनाम, चीन, ताइवान, जापान और यूरोप पर भी भारी-भरकम शुल्क लगाए गए। ट्रंप का कहना था, “दूसरे देश अमेरिका पर भारी टैक्स लगाते हैं, अब अमेरिका जवाब देगा।”
2️⃣ चीन की जवाबी कार्रवाई
चीन ने पलटवार करते हुए अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैक्स लागू कर दिए। इससे वैश्विक व्यापार में अस्थिरता और तनाव बढ़ा। निवेशकों को 2020 जैसे ट्रेड वॉर और मंदी की आशंका सताने लगी।
3️⃣ विदेशी निवेशकों की बिकवाली
भविष्य की अनिश्चितता को देखते हुए FII (Foreign Institutional Investors) ने भारतीय बाजार से बड़ी मात्रा में पैसा निकालना शुरू कर दिया।
4️⃣ डॉलर में मजबूती, रुपया दबाव में
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 30 पैसे गिरकर 85.74 तक पहुंच गया — जिससे आयात और वैश्विक व्यापार की लागतें और बढ़ने की आशंका है।
🧠 एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?
मार्केट एनालिस्ट सुनील शाह के अनुसार,
“अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध का एक और दौर शुरू हो चुका है। इस बार इसकी गूंज पूरी दुनिया की जीडीपी पर असर डालेगी। ऐसे समय में निवेशक रक्षात्मक रणनीति अपनाएं।”
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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