भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को जोरदार गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 1064 अंकों की भारी गिरावट के साथ 80,684 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 332 अंक गिरकर 24,018 के स्तर पर पहुंच गया। बाजार में बिकवाली का जोर इतना रहा कि सेंसेक्स के 30 में से 29 शेयर लाल निशान में बंद हुए, जबकि सिर्फ 1 शेयर में बढ़त दर्ज की गई। इसी तरह, निफ्टी के 50 में से 49 शेयरों में गिरावट रही, और सिर्फ 1 शेयर बढ़त के साथ बंद हुआ।

सरकारी बैंकों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी PSU बैंक इंडेक्स सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जिसमें 1.88% की गिरावट आई। इसके अलावा निफ्टी मेटल, बैंक, ऑटो और फार्मा सेक्टर भी करीब 2% तक गिर गए।

प्रमुख कारण

बाजार में आई इस बड़ी गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं:

  1. वैश्विक बाजारों का दबाव: विदेशी बाजारों में जारी उतार-चढ़ाव और मंदी की आशंका ने भारतीय बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला।
  2. मुद्रास्फीति और ब्याज दरें: उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ती ब्याज दरों की चिंताओं ने निवेशकों का विश्वास कमजोर किया।
  3. बिकवाली का दबाव: विदेशी निवेशकों (FIIs) द्वारा बड़े पैमाने पर बिकवाली ने बाजार को कमजोर किया।

कौन-कौन से शेयर रहे प्रभावित?

  • सेंसेक्स:
  • गिरावट: HDFC Bank, Reliance Industries, ICICI Bank, और Infosys जैसे प्रमुख शेयरों में भारी गिरावट रही।
  • बढ़त: केवल NTPC के शेयर में मामूली बढ़त दर्ज हुई।
  • निफ्टी:
  • गिरावट: अडानी ग्रुप, SBI, Tata Steel, और Axis Bank जैसे शेयरों में गिरावट का दबदबा रहा।
  • बढ़त: Divi’s Labs ने बढ़त दर्ज की।

निवेशकों को ध्यान देने की सलाह

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। वे सलाह देते हैं कि कोई भी नया निवेश करने से पहले आर्थिक और वैश्विक संकेतकों पर ध्यान दें।

आगे का अनुमान

बाजार की स्थिति फिलहाल कमजोर बनी हुई है, लेकिन आने वाले दिनों में आर्थिक डेटा और वैश्विक बाजार की स्थिरता से दिशा तय होगी। निवेशकों को धैर्य बनाए रखने और लंबे समय के लिए सोचने की जरूरत है।

नोट: निवेश जोखिमों के अधीन हैं। निवेश करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।