- कांकेर की दुर्गम पहाड़ियों पर फंसे करीब 300 नक्सलियों को चारों तरफ से घेर लिया गया
रायपुर/सुकमा। छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सरहद पर सुरक्षाबलों ने अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन छेड़ दिया है। कर्रेगट्टा, नडपल्ली और पुजारी कांकेर की दुर्गम पहाड़ियों पर फंसे करीब 300 नक्सलियों को चारों तरफ से घेर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक, मोस्ट वांटेड हिड़मा, दामोदर और देवा जैसे बड़े कमांडर इसी इलाके में हैं। 5 हजार से ज्यादा जवानों की ताकत से तीन राज्यों की संयुक्त फोर्स इस बार नक्सलवाद को निर्णायक झटका देने की तैयारी में है।
रसद काटी, सप्लाई चेन ध्वस्त
सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की सप्लाई चेन तोड़ दी है। नम्बी, पुजारी कांकेर, पूर्वर्ती और तेलंगाना के वेंकटपुरम से नक्सलियों को जो भी रसद मिलता था, अब पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया गया है। पहाड़ की चोटी पर डटे नक्सलियों के पास सीमित राशन है, जो ज्यादा से ज्यादा कुछ दिनों तक ही टिकेगा। नीचे से किसी भी दिशा में उनकी हलचल पर एनकाउंटर तय है।
बारूद से बिछी है जमीन, खतरे के बीच बढ़ रही फोर्स
तेलंगाना कैडर की नक्सली शांता ने हाल ही में चेतावनी जारी कर बताया था कि कर्रेगट्टा की पहाड़ियों पर सैकड़ों IED और बम बिछाए गए हैं। यही नहीं, ग्रामीणों को इस इलाके से दूर रहने को कहा गया था, जो नक्सलियों की पूर्व तैयारी को दर्शाता है। फोर्स इन चुनौतियों को भांपते हुए बेहद सतर्कता से आगे बढ़ रही है।
ड्रोन-हेलिकॉप्टर से पहाड़ियों पर निगरानी
इलाके में सेना के 2 से 3 हेलीकॉप्टर लगातार मंडरा रहे हैं, जबकि दर्जनों ड्रोन से पहाड़ियों की निगरानी की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, कई इलाकों में नक्सलियों ने 40-50 मीटर ऊंची चट्टानों में बंकर बना रखे हैं, जिनमें भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक छिपा है।
पहाड़ी की चुनौती, लेकिन मोर्चा अडिग
भले ही नक्सली ऊंचाई पर बैठे हों और भौगोलिक स्थिति उनके पक्ष में हो, लेकिन सुरक्षाबलों ने नीचे से चारों तरफ से घेराबंदी कर ली है। ये ऑपरेशन आसान नहीं, लेकिन निर्णायक साबित हो सकता है। जवानों के पास हफ्तेभर की रसद है और रणनीति पूरी तरह से तैयार है।