सरकार ने शिरीष चंद्र मुर्मू को आरबीआई का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया

नई दिल्ली, 29 सितंबर।
केंद्र सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) में एक बड़ा बदलाव करते हुए वरिष्ठ अधिकारी शिरीष चंद्र मुर्मू को डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। वह मौजूदा डिप्टी गवर्नर राजेश्वर राव की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 8 अक्टूबर 2025 को समाप्त हो रहा है। मुर्मू का कार्यकाल तीन वर्षों के लिए निर्धारित किया गया है, जिसकी शुरुआत 9 अक्टूबर से होगी।


कैबिनेट की नियुक्ति समिति से मिली मंजूरी

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने सोमवार को मुर्मू की नियुक्ति को अंतिम मंजूरी दी। इस नियुक्ति के बाद वह रिज़र्व बैंक में चार डिप्टी गवर्नरों में से एक होंगे। गौरतलब है कि आरबीआई में चार डिप्टी गवर्नर रहते हैं, जिनके जिम्मे मौद्रिक नीति, बैंकिंग विनियमन, वित्तीय बाज़ार की निगरानी और पर्यवेक्षण जैसे महत्वपूर्ण विभाग होते हैं।


मुर्मू का अनुभव और भूमिका

शिरीष चंद्र मुर्मू इस समय रिज़र्व बैंक में कार्यकारी निदेशक (Executive Director) के पद पर कार्यरत हैं और बैंकिंग विनियमन समेत कई महत्वपूर्ण विभागों की देखरेख कर रहे हैं। डिप्टी गवर्नर के रूप में उनका पोर्टफोलियो आवंटन अभी तय होना बाकी है। वित्तीय क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि उनके पास बैंकिंग पर्यवेक्षण और विनियमन का गहन अनुभव है, जो आरबीआई को मौजूदा चुनौतियों से निपटने में सहायक होगा।

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राजेश्वर राव का कार्यकाल समाप्त

राजेश्वर राव ने अक्टूबर 2020 में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर का पदभार संभाला था। उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोविड-19 महामारी, वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और मुद्रास्फीति जैसी कई चुनौतियों का सामना किया। उनके नेतृत्व में आरबीआई ने कई अहम नीतिगत निर्णय लिए, जिनमें लोन मोरेटोरियम, रेपो रेट में बदलाव और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने जैसे कदम शामिल रहे। अब उनकी जगह एस.सी. मुर्मू का चयन किया गया है, जिनसे केंद्रीय बैंक को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।


आरबीआई में डिप्टी गवर्नरों की अहमियत

आरबीआई में डिप्टी गवर्नर का पद अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मौद्रिक नीति निर्माण, वित्तीय स्थिरता, बैंकिंग प्रणाली की निगरानी और डिजिटल वित्तीय संरचना जैसे अहम क्षेत्रों में डिप्टी गवर्नर की भूमिका निर्णायक होती है। मौजूदा समय में जब भारतीय अर्थव्यवस्था मुद्रास्फीति नियंत्रण और विकास दर के बीच संतुलन साधने की चुनौती से गुजर रही है, ऐसे में मुर्मू की भूमिका और भी अहम होगी।


आर्थिक जगत की प्रतिक्रियाएँ

वित्तीय विशेषज्ञों और बैंकरों ने मुर्मू की नियुक्ति का स्वागत किया है। उनका मानना है कि मुर्मू का अनुभव विशेष रूप से बैंकिंग रेगुलेशन में है, जो नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA), डिजिटल बैंकिंग और साइबर सुरक्षा जैसे मौजूदा मुद्दों से निपटने में अहम साबित होगा। उद्योग जगत को भरोसा है कि उनके नेतृत्व में बैंकिंग प्रणाली और मजबूत होगी तथा निवेशकों का विश्वास और बढ़ेगा।