मध्य प्रदेश के करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा ने 40 दिन बाद किया सरेंडर: भोपाल की स्पेशल कोर्ट में पेश
मध्य प्रदेश के करोड़पति पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा ने सोमवार को भोपाल की स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सौरभ शर्मा पर भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों के आरोप हैं। 19 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त की टीम ने उसकी कार से 11 करोड़ रुपये नकद और 52 किलोग्राम सोना जब्त किया था। इसके बाद से सौरभ फरार था और उसकी गिरफ्तारी के लिए विभिन्न एजेंसियां लगातार दबिश दे रही थीं।
लोकायुक्त की छापेमारी और सौरभ शर्मा की फरारी
19 दिसंबर को जब लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा के ठिकाने पर छापेमारी की, तो उन्हें भारी मात्रा में नकद और सोना मिला। पुलिस की पूछताछ में यह भी सामने आया कि उसके पास कई अन्य अवैध संपत्तियां भी हैं। इस छापेमारी के दौरान यह जानकारी मिली थी कि सौरभ उस वक्त दुबई में था, और इसके बाद से वह फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई राज्यों में छापे मारे, लेकिन वह गिरफ्तारी से बचता रहा।
सरेंडर करने का निर्णय
लगातार 40 दिन से फरार रहने के बाद सौरभ शर्मा ने सोमवार को भोपाल की स्पेशल कोर्ट में सरेंडर करने का निर्णय लिया। सौरभ अपने वकील के साथ दोपहर 1 बजे कोर्ट पहुंचा, जहां उसने कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण किया। लोकायुक्त की टीम भी कोर्ट में मौजूद थी और अब सौरभ के खिलाफ कोर्ट में कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
सौरभ की संपत्तियां और रहस्यमय जीवन
सौरभ शर्मा की जिंदगी एक रहस्य बन गई थी, जब वह अचानक करोड़पति कॉन्स्टेबल के तौर पर उभरा। जांच एजेंसियों के मुताबिक, उसने अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की थी, जिसमें बड़े पैमाने पर नगद राशि और सोने के बर्तन शामिल हैं। उसकी गिरफ्तारी से कई सवाल खड़े हो रहे हैं, जैसे उसने इतनी संपत्ति कैसे और कहां से अर्जित की।
आगे की कानूनी प्रक्रिया
अब सौरभ शर्मा के खिलाफ जांच और कानूनी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लोकायुक्त की टीम ने उसकी संपत्तियों को जब्त कर लिया है और आगे की कार्रवाई के लिए सभी दस्तावेज इकट्ठा किए जा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सौरभ शर्मा को जल्द ही रिमांड पर लिया जाएगा, ताकि उसके खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों के संबंध में पूरी जांच की जा सके।
लोकायुक्त की कार्यवाही की सराहना
सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी और उसके बाद की कार्रवाई को लेकर लोकायुक्त के अधिकारियों ने अपनी तत्परता को सराहा है। लोकायुक्त की टीम ने बताया कि यह एक बड़ी सफलता है, क्योंकि एक पुलिसकर्मी का इस तरह का अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करना समाज के लिए एक बड़ा खतरा था। अब, जांच एजेंसियां उसकी अवैध संपत्तियों और अन्य गतिविधियों की जांच करेगी।
सौरभ शर्मा का मामला भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ एक बड़ा संदेश है, और यह पुलिस और सरकारी विभागों में पारदर्शिता और ईमानदारी की आवश्यकता को उजागर करता है।