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February 8, 2025 8:38 AM

लोकायुक्त की गिरफ्त में करोड़पति आरक्षक सौरभ शर्मा, 41 दिन बाद हुई गिरफ्तारी

"लोकायुक्त की गिरफ्तारी में करोड़पति आरक्षक सौरभ शर्मा, 41 दिन बाद पकड़ा गया"

भोपाल। लोकायुक्त पुलिस ने करोड़ों रुपए की काली कमाई में शामिल परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को 41 दिन बाद गिरफ्तार किया है। सौरभ शर्मा को मंगलवार को जिला अदालत के बाहर से गिरफ्तार किया गया, जब वह सरेंडर करने के लिए कोर्ट में पेश होने आया था। इससे पहले, सोमवार को सौरभ ने कोर्ट में सरेंडर करने के लिए आवेदन दिया था, और कोर्ट ने उसे 28 जनवरी को पेश होने के लिए बुलाया था। जब वह आज अदालत पहुंचा, तो लोकायुक्त की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के बारे में जानकारी

लोकायुक्त एसपी दुर्गेश राठौर ने बताया कि सौरभ शर्मा को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। इस हाईप्रोफाइल गिरफ्तारी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सौरभ शर्मा के वकील राकेश पाराशर ने आरोप लगाया कि सौरभ ने अदालत में सरेंडर करने का आवेदन सोमवार को ही दिया था और वह आज 11 बजे अदालत में हाजिर होने वाला था, लेकिन लोकायुक्त पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

सौरभ शर्मा पर आरोप

सौरभ शर्मा, जो पहले आरटीओ विभाग में कॉन्स्टेबल के रूप में कार्यरत था, उसे काले धन और अवैध संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया गया। परिवहन विभाग के इस पूर्व कर्मी के ठिकानों पर लोकायुक्त, आयकर विभाग और ईडी ने मिलकर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान सौरभ के पास से 93 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बरामद हुई थी, जिसमें 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये की नकदी शामिल थीं।

लुकआउट नोटिस और गिरफ्तार होने की रहस्यमय घटना

सौरभ शर्मा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था, जिसका उद्देश्य था कि जैसे ही वह देश के किसी एयरपोर्ट पर पहुंचे, राष्ट्रीय और प्रादेशिक एजेंसियां उसे पकड़ सकें। हालांकि, लुकआउट नोटिस के बावजूद वह भोपाल की जिला अदालत में अचानक कैसे पहुंचा, यह एक बड़ा सवाल बन गया है। कुछ सूत्रों का कहना है कि सौरभ ने सोमवार को कोर्ट में स्वयं उपस्थित होकर सरेंडर करने का आवेदन दिया था, और मंगलवार को उसे बुलाया गया था। इसके बावजूद, जैसे ही सौरभ अदालत पहुंचा, लोकायुक्त की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

सौरभ की गिरफ्तारी से जुड़े कुछ और दिलचस्प पहलू सामने आ रहे हैं। खबरों के मुताबिक, सौरभ के कोर्ट पहुंचने से पहले कुछ लोगों ने लोकायुक्त कार्यालय में मिठाई बांटी। इस घटना से जुड़े सवाल यह हैं कि सौरभ सोमवार को कोर्ट में क्यों उपस्थित हुआ और उसकी गिरफ्तारी से पहले वह कहां था, इस रहस्य का खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है।

लोकायुक्त की कार्रवाई

लोकायुक्त द्वारा की गई इस कार्रवाई ने प्रदेशभर में हलचल मचा दी है। इस कार्रवाई में एक बार फिर यह साबित हो गया कि लोकायुक्त की टीम भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। सौरभ शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया अब तेज़ी से चल रही है, और लोकायुक्त ने दावा किया है कि जल्द ही मामले की पूरी तहकीकात की जाएगी।

यह गिरफ्तारी प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक प्रणाली की कड़ी निगरानी को दर्शाती है, लेकिन इस मामले के बाद कई और सवाल भी उठ रहे हैं, जिन्हें सुलझाने की आवश्यकता है। सौरभ के गिरफ्तारी के बाद उसकी संपत्ति, काली कमाई के स्रोत और इसके नेटवर्क का भी पता लगाने की प्रक्रिया जारी है।

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