August 1, 2025 12:08 PM

संसद रत्न पुरस्कार से नवाजे गए रवि किशन समेत 17 सांसद- उत्कृष्ट संसदीय कार्य के लिए मिला प्रतिष्ठित सम्मान

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संसद रत्न पुरस्कार 2024: रवि किशन समेत 17 सांसद सम्मानित

नई दिल्ली।
भारतीय लोकतंत्र की मजबूती में उल्लेखनीय योगदान देने वाले सांसदों को उनके उत्कृष्ट संसदीय कार्यों के लिए संसद रत्न पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है। इस वर्ष 17 सांसदों को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया, जिनमें भोजपुरी फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता और गोरखपुर से भाजपा सांसद रवि किशन भी शामिल हैं। इसके अलावा, संसद में निरंतर और प्रभावी भागीदारी के लिए चार सांसदों को विशेष जूरी पुरस्कार भी प्रदान किया गया।

17 सांसदों को मिला संसद रत्न सम्मान

संसद रत्न पुरस्कार उन सांसदों को दिया जाता है जो संसद में सक्रिय भूमिका निभाते हैं और अपने कार्यक्षेत्र व विधायी प्रक्रियाओं में प्रभावी योगदान देते हैं। इस वर्ष यह पुरस्कार जिन सांसदों को मिला, उनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

  • रवि किशन (भाजपा, गोरखपुर)
  • सुप्रिया सुले (राकांपा-शरद पवार गुट)
  • निशिकांत दुबे (भाजपा)
  • अरविंद सावंत (शिवसेना यूबीटी)
  • स्मिता उदय वाघ (भाजपा)
  • नरेश म्हस्के (शिवसेना)
  • वर्षा गायकवाड़ (कांग्रेस)
  • मेधा कुलकर्णी (भाजपा)
  • प्रवीण पटेल (भाजपा)
  • विद्युत बरन महतो (भाजपा)
  • दिलीप सैकिया (भाजपा)

इन सभी सांसदों को उनकी संसद में उपस्थिति, प्रश्न पूछने, बहस में भागीदारी और विधेयकों पर प्रभावशाली योगदान के आधार पर चुना गया।

विशेष जूरी पुरस्कार पाने वाले सांसद

तीन या अधिक कार्यकाल में संसदीय लोकतंत्र को मजबूती देने के लिए विशेष जूरी ने चार सांसदों को सम्मानित किया:

  • भर्तृहरि महताब (भाजपा, ओडिशा)
  • एनके प्रेमचंद्रन (रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, केरल)
  • सुप्रिया सुले (राकांपा-शरद)
  • श्रीरंग अप्पा बार्ने (शिवसेना)

इन सांसदों ने वर्षों तक विधायी प्रक्रिया और जनहित के मुद्दों पर अपनी गंभीर भागीदारी से लोकतंत्र को मजबूत किया है।

संसदीय समितियों को भी मिली सराहना

संसदीय समिति श्रेणी में भी उत्कृष्ट योगदान देने वालों को सम्मानित किया गया। इनमें:

  • वित्त संबंधी स्थायी समिति, जिसकी अध्यक्षता भर्तृहरि महताब कर रहे हैं।
  • कृषि संबंधी स्थायी समिति, जिसकी अध्यक्षता डॉ. चरणजीत सिंह चन्नी (कांग्रेस) ने की।

इन समितियों को उनके द्वारा तैयार की गई रिपोर्टों की गुणवत्ता और विधायी निगरानी में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

संसद रत्न पुरस्कार की शुरुआत और उद्देश्य

इस पुरस्कार की स्थापना वर्ष 2010 में प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देना है। साथ ही यह पुरस्कार संसद में सक्रिय और प्रभावशाली भूमिका निभाने वाले जनप्रतिनिधियों को प्रोत्साहित करता है। संसद रत्न पुरस्कार से न केवल सांसदों का मनोबल बढ़ता है, बल्कि इससे जनता के बीच संसद की कार्यवाही के प्रति जागरूकता और विश्वास भी बढ़ता है।

चयन प्रक्रिया

इस पुरस्कार के लिए विजेताओं का चयन विशेष जूरी कमेटी द्वारा किया गया, जिसकी अध्यक्षता हंसराज अहीर, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने की। चयन प्रक्रिया में सांसदों की संसद में उपस्थिति, बहस में भागीदारी, प्रश्न पूछने, निजी विधेयक प्रस्तुत करने और समितियों में कार्य की समीक्षा की जाती है।



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