July 30, 2025 5:06 AM

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामेदार, विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर की चर्चा की मांग

“कॉइन DCX एक्सचेंज से 380 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी चोरी से जुड़ी खबर, साइबर हैकिंग के बढ़ते मामलों और निवेशकों की सुरक्षा पर सवाल उठाता समाचार।”

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामे से, ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमला बना मुद्दा

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र सोमवार को शुरू होते ही जोरदार हंगामे और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच गूंज उठा। विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले को लेकर सरकार से जवाब मांगते हुए लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में जोरदार नारेबाजी की।

लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के चलते 4 बजे तक स्थगित करनी पड़ी, जबकि राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीधे तौर पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “पहलगाम हमले के आतंकी न पकड़े गए हैं, न मारे गए।”


विपक्ष का तीखा हमला: “इंटेलिजेंस फेलियर” और ट्रम्प के दावे

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के पीछे खुफिया तंत्र की विफलता स्पष्ट है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल द्वारा दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा कि “एलजी खुद स्वीकार कर चुके हैं कि यह इंटेलिजेंस फेलियर है।”

खड़गे ने अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस बयान का भी उल्लेख किया जिसमें वे 24 बार यह कह चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया। उन्होंने कहा कि “सरकार को इन सभी गंभीर विषयों पर संसद में जवाब देना चाहिए।”


सरकार की प्रतिक्रिया: “हर सवाल का जवाब देंगे”

हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा, “देश में ऐसा संदेश नहीं जाना चाहिए कि सरकार इन मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है। हम पूरी पारदर्शिता से चर्चा करेंगे और ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े सभी पहलुओं को संसद और देश के सामने रखेंगे।

वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी स्पष्ट किया कि प्रश्नकाल के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने विपक्ष के रवैये को अनुचित ठहराते हुए कहा, “सत्र के पहले ही दिन इस तरह का आचरण ठीक नहीं है। हमें संसदीय परंपराओं का पालन करते हुए चर्चा को प्राथमिकता देनी चाहिए।”


I.N.D.I.A. गठबंधन की रणनीति: सरकार को घेरे में लेने की तैयारी

सत्र शुरू होने से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन ने एक संयुक्त बैठक में विपक्ष की रणनीति तैयार की। इसमें तय किया गया कि वे सदन में सरकार से ऑपरेशन सिंदूर, भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम, ट्रम्प के दावे, और बिहार की वोटर लिस्ट जैसे मुद्दों पर जवाब मांगेंगे और सरकार को घेरे में लाएंगे।


मानसून सत्र का कार्यक्रम: 32 दिन, 18 बैठकें, 15+ बिल

इस बार का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल 18 बैठकें होंगी।
सरकार की योजना है कि इस सत्र में 8 नए विधेयक पेश किए जाएंगे और 7 पुराने लंबित बिलों पर चर्चा होगी।

इनमें मणिपुर जीएसटी संशोधन विधेयक 2025, नया इनकम टैक्स बिल, और नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल जैसे महत्वपूर्ण विधेयक शामिल हैं।


इनकम टैक्स एक्ट 1961 को हटाएगा नया विधेयक

सत्र के पहले ही दिन नई इनकम टैक्स प्रणाली पर बनी संसदीय समिति की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की गई।
इस रिपोर्ट में 285 सुझाव शामिल हैं, जो 622 पन्नों के नए कानून में दर्शाए गए हैं। यह नया कानून 1961 से लागू पुराने इनकम टैक्स एक्ट को पूरी तरह बदल देगा।


जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ याचिका

लोकसभा में 145 सांसदों ने जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक याचिका सौंपी।
इस याचिका पर राहुल गांधी, अनुराग ठाकुर, रविशंकर प्रसाद, सुप्रिया सुले और के सी वेणुगोपाल जैसे वरिष्ठ नेताओं के हस्ताक्षर हैं।


राज्यसभा में खड़गे का जन्मदिन, विपक्षी एकता की तस्वीर

राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान एक हल्का क्षण भी देखने को मिला जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्मदिन मनाया गया।
इस अवसर पर राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेता मौजूद रहे।


अहमदाबाद विमान हादसे पर सरकार का बयान

नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने राज्यसभा में अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि हादसे की पूर्ण सच्चाई AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) की अंतिम रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगी।

उन्होंने कहा, “चाहे मामला पायलट से जुड़ा हो, एयर इंडिया से या बोइंग कंपनी से – सरकार न किसी पक्ष में है न विरोध में। हम केवल सच्चाई पर टिके हैं।”


निष्कर्ष: पहले ही दिन से सत्र गरमाया, बड़े सवालों पर टकराव तय

संसद का मानसून सत्र पहले ही दिन से बेहद गरम नजर आ रहा है। ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमला, और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारत की भूमिका जैसे विषय सत्र को गहराई और गंभीरता देंगे। आने वाले दिनों में सरकार और विपक्ष के बीच कड़ा टकराव तय है।



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