संपदा 2.0 को मिला राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस स्वर्ण पुरस्कार, पेपरलेस और फेसलेस पंजीयन में अग्रणी बना मध्यप्रदेश
भोपाल, 22 सितंबर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अभिनव पहल संपदा 2.0 ने मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है। भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस स्वर्ण पुरस्कार-2025 से सम्मानित किया है। यह सम्मान ‘गवर्नमेंट प्रोसेस री-इंजीनियरिंग बाई यूज ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ श्रेणी में प्रदान किया गया है। सोमवार को विशाखापट्टनम में आयोजित राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह और भारत सरकार के डीएआरपीजी सचिव वी. श्रीनिवास ने यह पुरस्कार मध्यप्रदेश के महानिरीक्षक पंजीयन अमित तोमर और संपदा परियोजना अधिकारी स्वप्नेश शर्मा को प्रदान किया।
पेपरलेस और फेसलेस पंजीयन में क्रांति
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संपदा 2.0 से प्रदेश ने पेपरलेस और फेसलेस पंजीयन की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। यह प्रणाली न केवल तकनीकी दक्षता का प्रमाण है बल्कि सुशासन की नई पहचान भी है। उन्होंने कहा कि इस नवाचार से नागरिक बिना कार्यालय आए सुरक्षित और सरल पंजीयन कर पा रहे हैं, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि हुई है।
उप मुख्यमंत्री देवड़ा का बयान
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने इस उपलब्धि को प्रदेश के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि संपदा 2.0 ने पंजीयन प्रक्रिया को पूरी तरह पेपरलेस और फेसलेस बना दिया है। उन्होंने कहा कि इससे सुशासन के साथ-साथ निवेश और व्यावसायिक वातावरण को भी मजबूती मिली है। देवड़ा ने कहा, “यह पुरस्कार केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि मध्यप्रदेश की पारदर्शी कार्यप्रणाली और सुशासन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाण है।”

140 में से 75 दस्तावेजों का फेसलेस पंजीयन
मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने दस्तावेजों का पूर्णत: पेपरलेस ई-पंजीयन शुरू किया है। भारतीय स्टाम्प अधिनियम के अंतर्गत आने वाले लगभग 140 प्रकार के दस्तावेजों में से 75 का फेसलेस पंजीयन अब वीडियो केवाईसी के माध्यम से संभव हो गया है। यह व्यवस्था छद्मरूपण और भूमि विवादों को कम करने में मददगार साबित हो रही है।
आधुनिक डिजिटल सुविधाओं से लैस
संपदा 2.0 में जीआईएस तकनीक सहित आधुनिक डिजिटल सुविधाएं जोड़ी गई हैं। नागरिक अब कहीं से भी पोर्टल या मोबाइल एप के माध्यम से ई-स्टाम्प प्राप्त कर सकते हैं और राज्य की किसी भी क्षेत्र की गाइडलाइन दरें देख सकते हैं। पंजीयन पूर्ण होते ही दस्तावेज ईमेल और व्हाट्सऐप पर स्वत: उपलब्ध हो जाते हैं।
लगातार दूसरी बार पुरस्कार
गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार मिला था। तब राज्य को ‘लास्ट माइल कनेक्टिविटी’ श्रेणी में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया था। लगातार दूसरे वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार पाना प्रदेश की तकनीक-आधारित पारदर्शी कार्यप्रणाली और सुशासन मॉडल की बड़ी सफलता है।
डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करता मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संपदा 2.0 ने न केवल प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार किया है बल्कि नागरिक सेवाओं को सरल और तेज बनाया है। इस पहल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को जमीनी स्तर पर साकार करने में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मध्यप्रदेश और अधिक नवाचारों से सुशासन और डिजिटल परिवर्तन का नेतृत्व करेगा।
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