समोसा-जलेबी पर अब चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए निर्देश
भारत में मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी बीमारियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब समोसा, जलेबी, लड्डू और वड़ा पाव जैसे लोकप्रिय लेकिन तले-भुने और मीठे खाद्य पदार्थों पर भी सिगरेट जैसी चेतावनी दी जाएगी। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी सरकारी मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त संस्थानों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपनी कैंटीनों और सार्वजनिक स्थानों पर ‘तेल और शक्कर चेतावनी बोर्ड’ लगाएं।

क्या है ‘तेल और शक्कर चेतावनी बोर्ड’?
इन चेतावनी बोर्ड्स पर समोसा, पकौड़ा, गुलाब जामुन, लड्डू, जलेबी जैसे खाद्य पदार्थों में मौजूद वसा (तेल) और चीनी की मात्रा साफ-साफ बताई जाएगी। उदाहरण के लिए, एक बोर्ड पर लिखा होगा कि “एक गुलाब जामुन में औसतन 5 चम्मच चीनी होती है” या “एक समोसे में लगभग 300 कैलोरी होती है”। इसका उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि ये स्वादिष्ट दिखने वाले खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए कितने नुकसानदेह हो सकते हैं।
सरकार ऐसा क्यों कर रही है?
भारत में तेजी से बढ़ रही जीवनशैली संबंधी बीमारियां सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, 2050 तक देश में 44.9 करोड़ लोग मोटापे या अधिक वजन की समस्या से ग्रसित हो सकते हैं। इसका एक बड़ा कारण है अत्यधिक तेलयुक्त और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन, साथ ही शारीरिक गतिविधि की कमी। इसी कारण अब सरकार जंक फूड को भी उसी श्रेणी में देख रही है जिसमें आज धूम्रपान और शराब को रखा जाता है।

क्या चेतावनी सिगरेट जैसी होगी?
स्वास्थ्य मंत्रालय का उद्देश्य जंक फूड के प्रति भी वैसी ही चेतावनी देना है जैसी सिगरेट के पैकेट पर दी जाती है। जैसे सिगरेट पर लिखा होता है कि “धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक है”, वैसे ही अब कैंटीन में समोसे या जलेबी के पास लगे बोर्ड पर लिखा होगा कि यह कितना नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि यह चेतावनी पैकेजिंग पर नहीं बल्कि सिर्फ कैंटीन या संस्थान परिसर की दीवारों पर पोस्टर या बोर्ड के रूप में दी जाएगी।

कहां-कहां लागू होंगे ये निर्देश?
यह निर्देश सभी केंद्रीय संस्थानों, मंत्रालयों और सरकारी विभागों पर लागू होंगे। उदाहरण के तौर पर, AIIMS नागपुर जैसे मेडिकल संस्थानों को पहले ही यह चेतावनी बोर्ड लगाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसी तरह दिल्ली समेत अन्य शहरों में भी सार्वजनिक स्थानों पर इन बोर्ड्स को लगाने की तैयारी है। हालांकि इनके लागू होने की सटीक तारीख अभी मंत्रालय ने साझा नहीं की है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे कदम
स्वास्थ्य मंत्रालय का यह कदम बिल्कुल नया नहीं है। मई 2024 में सीबीएसई ने देश भर के 24,000 से ज्यादा स्कूलों में ‘शुगर अलर्ट बोर्ड्स’ लगाने के निर्देश दिए थे, जिनमें बताया गया कि एक दिन में कितनी चीनी लेनी चाहिए, कौन-सी सामान्य चीजें कितनी चीनी लिए होती हैं, और इसके बेहतर विकल्प क्या हो सकते हैं। यह स्कूली बच्चों को कम उम्र से ही स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की पहल थी।
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