October 21, 2025 12:39 PM

संभल मस्जिद मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने का दिया आदेश

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संभल शाही जामा मस्जिद विवाद: सर्वोच्च न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश, 25 अगस्त को होगी सुनवाई


नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद से जुड़े विवादित मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। न्यायालय ने इस मामले में हिंदू पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए आगामी सुनवाई की तारीख 25 अगस्त तय की है।

जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मस्जिद कमेटी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें संभल की दीवानी अदालत द्वारा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश बरकरार रखा गया था।

उच्च न्यायालय का आदेश

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 19 मई को अपने आदेश में कहा था कि संभल की शाही जामा मस्जिद का मामला ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट’ के दायरे में नहीं आता है। इस फैसले के खिलाफ मस्जिद कमेटी सर्वोच्च न्यायालय पहुँची।

मस्जिद पक्ष की दलील

मस्जिद कमेटी की ओर से वरिष्ठ वकील हुफैजा अहमदी ने दलील दी कि उच्च न्यायालय का निष्कर्ष गलत है। उनका कहना था कि यह विवाद स्पष्ट रूप से प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के अंतर्गत आता है और अदालत को इसे उसी रूप में देखना चाहिए।

न्यायालय की टिप्पणी

सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने अहमदी से यह भी पूछा कि क्या इस मामले को उन अन्य मामलों के साथ जोड़ा जा सकता है, जिनमें प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट की व्याख्या और दायरा निर्धारित किया जा रहा है।

हिंदू पक्ष की दलील

वहीं हिंदू पक्ष की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि यह परिसर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन आता है, इसलिए यह मामला प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत नहीं आता। उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण होना आवश्यक है।

अगली सुनवाई

अब सर्वोच्च न्यायालय इस मामले की विस्तृत सुनवाई 25 अगस्त को करेगा। तब तक अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि स्थल पर यथास्थिति बनी रहेगी और किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा।



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