- हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित एसआईटी ने सबूतों की तलाश में की छापेमारी, आरोपी से क्राइम ब्रांच दफ्तर में पूछताछ जारी
तिरुवनंतपुरम। प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर से जुड़े सोने की चोरी के बहुचर्चित मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच की रफ्तार तेज कर दी है। शनिवार को एसआईटी की टीम ने मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी के पुलिमठ स्थित आवास पर छापा मारा। यह तलाशी दोपहर करीब तीन बजे अधिकारी एस. सासिदरण के नेतृत्व में की गई, जिसमें टीम ने पोट्टी से संबंधित कई अहम दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और लेनदेन से जुड़े रिकॉर्ड जब्त किए।
यह कार्रवाई उस व्यापक जांच का हिस्सा है, जिसके तहत मंदिर से जुड़े बहुमूल्य सोने के गायब होने की सच्चाई सामने लाने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, तलाशी के दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं, जिनसे यह संकेत मिलता है कि चोरी किया गया सोना इलेक्ट्रोप्लेटिंग के नाम पर अन्य स्थानों पर भेजा गया था।
क्राइम ब्रांच दफ्तर में आरोपी से गहन पूछताछ जारी
उन्नीकृष्णन पोट्टी को पहले ही रन्नी की न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अदालत ने एसआईटी की कस्टडी में भेज दिया था। वर्तमान में उसे तिरुवनंतपुरम के क्राइम ब्रांच कार्यालय में रखकर गहन पूछताछ की जा रही है।
एसआईटी ने कोर्ट को बताया है कि आरोपी से और पूछताछ की आवश्यकता है ताकि चोरी हुए सोने की बरामदगी हो सके और इस मामले से जुड़े अन्य लोगों की संलिप्तता का पता लगाया जा सके।
जांच टीम ने यह भी कहा कि पोट्टी को कुछ सबूत इकट्ठा करने के लिए अन्य राज्यों में भी ले जाया जाएगा। इससे संकेत मिलता है कि इस चोरी का जाल केरल से बाहर तक फैला हो सकता है।
हाईकोर्ट के आदेश पर बनी एसआईटी, दो मामलों की जांच जारी
केरल हाईकोर्ट ने इस मामले में गहरी चिंता जताते हुए राज्य सरकार को विशेष जांच दल गठित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सबरीमाला मंदिर में चढ़ावे के रूप में मिले सोने के गायब होने से श्रद्धालुओं की भावनाएँ आहत हुई हैं, और इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है।
एसआईटी दो मुख्य मामलों की जांच कर रही है —
- पहला मामला मंदिर के द्वारपालक देवता (मंदिर के रक्षक देवता) की सोने की परत चढ़ी ताम्र प्लेटों से सोने की कमी से संबंधित है।
- दूसरा मामला श्रीकोविल यानी मुख्य गर्भगृह के दरवाजों से सोने की चोरी का है।
हाईकोर्ट ने 2019 में हुए एक आदेश का उल्लेख किया था, जिसमें यह पाया गया कि जब प्लेटें पोट्टी को इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए दी गईं, तो उनका वजन वापस आने पर घट गया था। इसी विसंगति ने पूरे मामले को शक के घेरे में डाल दिया।
मंदिर प्रशासन और श्रद्धालुओं में नाराजगी
सबरीमाला मंदिर में सोने की चोरी का मामला सामने आने के बाद मंदिर प्रशासन और श्रद्धालुओं में गहरा आक्रोश है। मंदिर में चढ़ाया गया सोना दानदाताओं की आस्था और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में, मंदिर संपत्ति से छेड़छाड़ को श्रद्धालुओं ने धार्मिक आस्था का अपमान बताया है।
मंदिर बोर्ड ने एसआईटी को जांच में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है। सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड ने उन ठेकेदारों और कर्मचारियों की सूची भी सौंपी है जो इलेक्ट्रोप्लेटिंग और मरम्मत कार्यों में शामिल थे।
मुख्य आरोपी पर अदालत में सुरक्षा घटना
जांच के बीच शुक्रवार को एक अप्रत्याशित घटना ने नया मोड़ ले लिया। जब उन्नीकृष्णन पोट्टी को कोर्ट से बाहर ले जाया जा रहा था, तभी भाजपा कार्यकर्ता सिनू एस. पैनिकर ने उस पर जूता फेंक दिया।
इस घटना के बाद रन्नी पुलिस ने पैनिकर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 131 (गंभीर उत्तेजना के बिना हमला) और केरल पुलिस अधिनियम की धारा 118(ए) (धमकी या अपमान) के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने बताया कि यह अपराध जमानती है और जांच पूरी होने के बाद आरोपी पैनिकर को गिरफ्तार किया जाएगा। इस घटना के बाद अदालत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है।
एसआईटी की जांच से खुल सकते हैं बड़े राज
जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, उन्नीकृष्णन पोट्टी ने अपने बयान में अब तक चोरी किए गए सोने के ठिकानों के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। हालांकि, टीम को संदेह है कि सोने को कई हिस्सों में पिघलाकर अलग-अलग राज्यों में भेजा गया।
एसआईटी ने इलेक्ट्रोप्लेटिंग से जुड़े अन्य ठेकेदारों और कर्मचारियों को भी नोटिस जारी किए हैं। आने वाले दिनों में कुछ और गिरफ्तारियाँ संभव हैं।
विशेष जांच अधिकारी एस. सासिदरण ने कहा कि “यह मामला केवल चोरी का नहीं, बल्कि धार्मिक विश्वास से जुड़ा अपराध है। इसलिए जांच बेहद गंभीरता से की जा रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।”
राज्य सरकार और पुलिस सतर्क
राज्य सरकार ने एसआईटी से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस घटना को “श्रद्धा और सार्वजनिक विश्वास से जुड़ा संवेदनशील मामला” बताते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
वहीं, पुलिस महानिदेशक ने यह भी निर्देश दिया है कि जांच के दौरान किसी भी राजनीतिक दबाव या बाहरी प्रभाव से बचा जाए।
सबरीमाला सोना चोरी मामला फिलहाल केरल की राजनीति और समाज दोनों में चर्चा का केंद्र बन गया है। श्रद्धालु जहां शीघ्र न्याय की मांग कर रहे हैं, वहीं मंदिर प्रशासन इस घटना को “विश्वास की सबसे बड़ी चोट” मान रहा है। अब सबकी निगाहें एसआईटी की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं, जिससे इस रहस्य पर से परदा उठने की उम्मीद है।