भोपाल। विदेशी मुद्रा बाजार में शुक्रवार को भारतीय रुपया एक बार फिर डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है। रुपए की यह गिरावट वैश्विक बाजार में डॉलर की मजबूती, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और विदेशी पूंजी निकासी के कारण देखने को मिली। डॉलर के साथ-साथ यूरो और येन के मुकाबले भी रुपए में गिरावट दर्ज की गई है, जबकि पाउंड के मुकाबले हल्की मजबूती देखने को मिली।
इस सप्ताह डॉलर के मुकाबले रुपया 83.54 तक पहुंच गया, जबकि पाउंड के मुकाबले यह 104.55, यूरो के मुकाबले 90.13, और येन के मुकाबले 55.43 पर कारोबार करता दिखा। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले सप्ताह में अगर कच्चे तेल की कीमतों और अमेरिकी बाजारों का दबाव यूं ही बना रहा तो रुपया और फिसल सकता है।
इस बीच, भारतीय रिज़र्व बैंक और वित्त मंत्रालय सतर्क निगरानी बनाए हुए हैं, ताकि विदेशी मुद्रा भंडार का संतुलन बना रहे और घरेलू महंगाई पर नियंत्रण रखा जा सके।
विशेषज्ञों की राय
करंसी एक्सपर्ट्स का मानना है कि फॉरेन इन्वेस्टमेंट में सुस्ती और अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक तनाव का सीधा असर रुपये पर दिख रहा है। अमेरिका में बढ़ती ब्याज दरें और वैश्विक अस्थिरता के चलते निवेशक डॉलर की ओर रुख कर रहे हैं।
📊 फॉरेक्स चार्ट्स से साफ़ है कि इस हफ्ते रुपया लगभग सभी प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले कमजोर हुआ है।
🖼️ नीचे दिए गए इन्फोग्राफिक में प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले रुपये की स्थिति देखी जा सकती है:

स्वदेश ज्योति के द्वारा
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