संघ शताब्दी वर्षः बस्ती-बस्ती में पथ संचलन, समाज सेवा और संगठन पर हुआ विमर्श

समाज सेवा, संगठन और राष्ट्र निर्माण की दिशा में संघ की 100 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर हुआ मंथन

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अवधनगर में विमल जी गुप्ता का संबोधन

विद्युत जिले के अवधनगर स्थित अविनाथ नगर बस्ती में आयोजित पथ संचलन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि यशपाल सिंह और मुख्य वक्ता प्रान्त प्रचारक विमल जी गुप्ता उपस्थित रहे। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि संघ का जन्म किसी के विरोध में नहीं, बल्कि राष्ट्र की स्वतंत्रता और उस स्वतंत्रता को स्थायी बनाने के लिए हुआ था। संघ के संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार राष्ट्रभक्ति की जीवंत प्रतिमूर्ति थे, जिन्होंने संगठन के माध्यम से भारत माता को परम वैभव तक ले जाने का संकल्प लिया।

श्री गुप्ता ने संघ के शताब्दी वर्ष की यात्रा को गौरवशाली बताते हुए कहा कि संघ का उद्देश्य केवल संगठन खड़ा करना नहीं, बल्कि व्यक्ति निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण करना है। संघ की कार्यप्रणाली और सेवा कार्यों ने पिछले सौ वर्षों में समाज को नई दिशा दी है। उन्होंने इसे केवल संगठन की नहीं, बल्कि व्यापक समाज परिवर्तन की यात्रा बताया।

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मंडीदीप और कोटरा बस्ती में विशेष आयोजन

भोजपुर जिले के मंडीदीप नगर की प्रताप बस्ती में भी पथ संचलन निकाला गया, जिसमें जिला कार्यवाह महेश राठौर समेत बड़ी संख्या में स्वयंसेवक शामिल हुए। वहीं, तात्या टोपे जिले के अंबेडकर नगर की कोटरा बस्ती में विजयादशमी कार्यक्रम सरस्वती स्कूल परिसर में सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

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मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में संघ की सेवा और संगठनात्मक क्षमता की सराहना की। उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, विधायक भगवानदास सबनानी, संघ के प्रांत संचालक अशोक जी पांडेय, नगर संघचालक गोपालदास मेहता, क्षेत्र संगठन मंत्री विवस्वान जी और संगठन मंत्री हितानंद शर्मा भी मौजूद रहे। इस मौके पर सांस्कृतिक क्षेत्र के वरिष्ठ गायक उल्लास तेलंग ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई और संघ के सांस्कृतिक मूल्यों पर प्रकाश डाला।

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शस्त्र पूजन और "पंच परिवर्तन" पर चर्चा

पथ संचलन के बाद आयोजित सभा में शस्त्र पूजन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने संघ की 100 वर्षों की यात्रा का स्मरण करते हुए कहा कि यह संगठन मौन रहते हुए भी राष्ट्र निर्माण में सबसे प्रभावशाली योगदान देने वाला रहा है। सभा में "पंच परिवर्तन" – व्यक्ति परिवर्तन, परिवार परिवर्तन, समाज परिवर्तन, राष्ट्र परिवर्तन और विश्व परिवर्तन – विषयों पर विस्तृत विमर्श हुआ।

वक्ताओं ने यह भी कहा कि विजयादशमी का वास्तविक संदेश सत्य और धर्म के पथ पर चलना है और यही संघ के प्रत्येक स्वयंसेवक का मूल संकल्प भी है।

अन्य बस्तियों में भी निकले पथ संचलन

विजयादशमी पर्व पर भोपाल विभाग के विभिन्न जिलों और नगरों में भी संघ के स्वयंसेवकों ने पथ संचलन निकाले। प्रताप जिले की सुभाष कॉलोनी और अशोक विहार बस्ती में आयोजित पथ संचलन में विभाग प्रचारक कैलाश जी लववंशी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने संघ की शताब्दी यात्रा को मूल भावों का स्मरण करने का अवसर बताया।

शंकराचार्य नगर के ग्रीन पार्क, हिनोतिया, रामबाग और गांधी बस्ती में भी स्वयंसेवकों ने अनुशासित पंक्तियों में पथ संचलन किया। इस अवसर पर डॉ. अमित दीक्षित ने विजयादशमी पर्व के महत्व और संघ की राष्ट्र निर्माण में भूमिका पर प्रकाश डाला।

तात्या टोपे जिले के भरत नगर खंड के मानसरोवर क्षेत्र में भी पथ संचलन निकाला गया, जहां अखिलेश प्रताप सिंह राठौर मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने संघ की स्थापना, उसके आदर्श और वर्तमान में उसकी प्रासंगिकता को रेखांकित किया।

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इसी तरह भरत बस्ती में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. लोकेन्द्र दवे मुख्य अतिथि रहे, जबकि समिधा कार्यालय प्रमुख विजय विश्वकर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में संघ की स्थापना की पृष्ठभूमि और शताब्दी वर्ष की महत्ता पर विस्तृत चर्चा की।

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शताब्दी वर्ष का प्रतीक: सामाजिक समरसता और राष्ट्रनिष्ठा

इन कार्यक्रमों ने स्पष्ट किया कि संघ का शताब्दी वर्ष केवल उत्सव का अवसर नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक जागरण और राष्ट्र के प्रति निष्ठा का सशक्त प्रतीक है। अनुशासन, संगठन और सेवा की भावना से भरे स्वयंसेवकों का यह प्रदर्शन न केवल अतीत की गौरवशाली यात्रा का स्मरण कराता है, बल्कि भविष्य की राह भी दिखाता है।