नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय की रेकी करने वाले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के संदिग्ध आतंकी रईस अहमद शेख की जमानत याचिका शुक्रवार को बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने खारिज कर दी। निचली अदालत से याचिका खारिज होने के बाद रईस ने 11 मार्च को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन अदालत ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे जमानत देने से इनकार कर दिया।
कोरोना काल में की थी संघ मुख्यालय की रेकी
रईस अहमद शेख असदुल्ला शेख, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के पोरा का रहने वाला है, पर आरोप है कि उसने कोरोना महामारी के दौरान नागपुर के महल इलाके में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय की रेकी की थी। इसके अलावा, उसने रेशमबाग इलाके में स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर की भी टोह ली थी। महाराष्ट्र एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने उसे 15 सितंबर 2021 को गिरफ्तार किया था और तब से वह नागपुर की सेंट्रल जेल में बंद है।
हाईकोर्ट में दोनों पक्षों ने दी दलीलें
इस मामले की सुनवाई के दौरान आतंकी रईस अहमद के वकील निहाल सिंह राठौड़ ने अदालत में दलील दी कि यह साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है कि उसने किसी गैरकानूनी गतिविधि को अंजाम देने के लिए संघ मुख्यालय और हेडगेवार स्मृति मंदिर की रेकी की थी। वकील ने यह भी तर्क दिया कि बिना पर्याप्त साक्ष्यों के उसे जेल में रखना उचित नहीं होगा और इसलिए उसे जमानत दी जानी चाहिए।
सरकारी पक्ष की दलीलें और अदालत का फैसला
सरकारी वकील देवेंद्र चौहान ने अदालत को बताया कि जांच के दौरान यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत मिले हैं कि रईस अहमद शेख प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर में उसके खिलाफ जिंदा ग्रेनेड रखने के मामले में केस दर्ज किया जा चुका है।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर रईस अहमद को जमानत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर रईस को जेल में रखना आवश्यक है।
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने के आरोप
महाराष्ट्र एटीएस की जांच में सामने आया था कि रईस अहमद शेख जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के सीधे संपर्क में था और उन्हें महत्वपूर्ण जानकारियां मुहैया करा रहा था। नागपुर स्थित संघ मुख्यालय की रेकी के दौरान उसने मुख्यालय के आसपास के सुरक्षा इंतजामों, आने-जाने वाले लोगों और इलाके की संवेदनशीलता को परखा था। जांच एजेंसियों का मानना है कि वह अपने आकाओं को ये जानकारियां भेजने की फिराक में था।
पहले भी आतंकी गतिविधियों में रहा है संलिप्त
रईस अहमद शेख इससे पहले भी आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उस पर जिंदा ग्रेनेड रखने का आरोप लगाया था, जिसके चलते उसके खिलाफ पहले भी मामला दर्ज किया गया था। नागपुर में गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र एटीएस ने उस पर गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
क्या है संघ मुख्यालय की सुरक्षा व्यवस्था?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मुख्यालय नागपुर के महल इलाके में स्थित है और इसे उच्च स्तरीय सुरक्षा प्रदान की जाती है। सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के कारण अब तक किसी भी तरह की अप्रिय घटना टाली जा सकी है। लेकिन जैश-ए-मोहम्मद के संदिग्ध आतंकी द्वारा की गई रेकी ने सुरक्षा एजेंसियों को और चौकन्ना कर दिया है
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया कि देश की सुरक्षा को देखते हुए किसी भी संदिग्ध आतंकी को राहत नहीं दी जा सकती। अदालत ने कहा कि रईस अहमद शेख की गतिविधियों से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि वह राष्ट्रविरोधी संगठनों के संपर्क में था और उसकी संदिग्ध हरकतें भविष्य में देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं। यही कारण है कि अदालत ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया।