April 19, 2025 8:39 PM

राजद विधायक रीतलाल यादव को रंगदारी केस में 14 दिन की न्यायिक हिरासत, कोर्ट में किया आत्मसमर्पण

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पटना।
राजद के दानापुर से विधायक और बाहुबली छवि वाले नेता रीतलाल यादव ने रंगदारी मामले में गुरुवार को पटना के दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब वे फिलहाल बेऊर जेल में रहेंगे।

यह मामला एक बिल्डर से रंगदारी मांगने और उसे जान से मारने की धमकी देने का है। बिल्डर की शिकायत के आधार पर पटना पुलिस ने जांच शुरू की थी। इसके पहले, विधायक रीतलाल यादव के 11 ठिकानों पर स्पेशल टास्क फोर्स और पटना पुलिस ने एक साथ छापेमारी की थी, जिसमें करीब 10.5 लाख रुपये नकद, 77 लाख रुपये के ब्लैंक चेक, जमीन की डीड, स्टांप और अन्य दस्तावेज बरामद हुए थे।

कोर्ट में आत्मसमर्पण और मीडिया से बातचीत
दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के बाद रीतलाल यादव ने मीडिया से बातचीत में खुद को निर्दोष बताया और इस मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया। उन्होंने कहा,

“यह मेरे खिलाफ गहरी साजिश है। कुछ पदाधिकारी और मेरे राजनीतिक विरोधी मिलकर मेरी हत्या कराना चाहते हैं।”

उन्होंने दावा किया कि उन्हें मारने के लिए एके-47 तक उपलब्ध कराई गई थी। साथ ही आरोप लगाया कि बिल्डर को बहाने से उनसे मिलवाया गया और झूठा केस तैयार किया गया ताकि बाद में उनकी हत्या को ‘एनकाउंटर’ जैसा रूप दिया जा सके।

“चुनाव में हराने की साजिश”
रीतलाल यादव ने कहा कि उनके खिलाफ यह पूरा षड्यंत्र आगामी दानापुर विधानसभा चुनाव में उन्हें हराने के लिए रचा गया है। उन्होंने साफ किया कि वे जेल जाने से डरने वाले नहीं हैं और हर हाल में चुनाव लड़ेंगे।

“जनता मेरे साथ है। मेरे विरोधी ये जानते हैं कि मैं मजबूत उम्मीदवार हूं, इसलिए किसी भी तरह मुझे जेल भिजवाकर या मारकर रास्ते से हटाना चाहते हैं।”

छापेमारी में कई अहम सबूत मिले
दानापुर एएसपी भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में हुई छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सामग्री जब्त की गई है। पुलिस के अनुसार, बरामद चेक और जमीन संबंधी कागजात किसी बड़े नेटवर्क या लेन-देन की ओर संकेत करते हैं।

अब क्या होगा आगे?
विधायक रीतलाल यादव की जमानत याचिका अभी दायर नहीं हुई है। उन्होंने खुद कहा कि उनकी जान को कोर्ट और जेल के रास्ते में सबसे अधिक खतरा है।

“जान बची तो बेल की बात करेंगे,” उन्होंने कहा।

इस हाई प्रोफाइल मामले पर अब बिहार की राजनीति भी गर्माने लगी है। जहां राजद समर्थक इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहे हैं, वहीं विपक्ष कानून के सामने सभी को बराबरी से पेश करने की बात कह रहा है।



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