हैदराबाद, 24 फरवरी: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में शनिवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल प्रोजेक्ट का एक हिस्सा ढह गया, जिससे 8 मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए। इनमें दो इंजीनियर, दो मशीन ऑपरेटर और चार अन्य मजदूर शामिल हैं।
हादसा सुरंग के प्रवेश स्थल से 14 किलोमीटर अंदर हुआ। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, टनल की छत का लगभग तीन मीटर हिस्सा अचानक गिर गया, जिससे अंदर काम कर रहे मजदूर फंस गए। इस हादसे के बाद भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) से सहायता मांगी गई है।
कैसे हुआ हादसा?
👉 हादसा श्रीशैलम से देवरकोंडा जाने वाली सुरंग के 14वें किलोमीटर के इनलेट (डोमलपेंटा के पास) पर हुआ।
👉 अधिकारियों के अनुसार, सीपेज (पानी रिसाव) के कारण लगी कंक्रीट फिसल गई, जिससे यह दुर्घटना हुई।
👉 इस टनल का काम काफी समय से रुका हुआ था और चार दिन पहले ही इसे दोबारा शुरू किया गया था।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, सेना की मदद मांगी गई
📍 हादसे की जानकारी मिलते ही सिंचाई परियोजना का काम करने वाली कंपनी की दो रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंच गईं।
📍 तेलंगाना सरकार ने भारतीय सेना और एनडीआरएफ की मदद मांगी है ताकि फंसे हुए मजदूरों को जल्द बाहर निकाला जा सके।
📍 उत्तराखंड बचाव अभियान में शामिल विशेषज्ञों से भी संपर्क किया गया है, ताकि इस ऑपरेशन में उनकी सहायता ली जा सके।
कंपनी का बयान
हादसे के समय टनल में कुल 50 मजदूर मौजूद थे, लेकिन उनमें से अधिकांश सुरक्षित बाहर निकल आए। केवल 8 लोग अभी भी सुरंग में फंसे हैं।
मुख्यमंत्री ने दिए अधिकारियों को सख्त निर्देश
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हादसे पर गहरी चिंता व्यक्त की और अधिकारियों को तुरंत राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए।
🔹 मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टर, फायर ब्रिगेड और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजा है।
🔹 सड़क एवं भवन मंत्री कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने बयान जारी कर कहा कि सरकार मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
🔹 मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि सरकार आठों फंसे लोगों की जान बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियां
⚠️ सुरंग के अंदर तक पहुंचना मुश्किल: हादसा 14 किलोमीटर अंदर हुआ है, जिससे बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं।
⚠️ टनल में ऑक्सीजन की कमी: लंबे समय तक बंद रहने के कारण टनल में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे मजदूरों को सांस लेने में दिक्कत आ सकती है।
⚠️ मलबा हटाने में वक्त लगेगा: टनल की छत गिरने से रास्ता ब्लॉक हो गया है, जिसे हटाने के लिए भारी मशीनरी की जरूरत होगी।
सिंचाई परियोजना और टनल का महत्व
श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) प्रोजेक्ट तेलंगाना की सबसे महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं में से एक है। इस टनल के जरिए कृष्णा नदी से पानी लाकर किसानों को सिंचाई के लिए दिया जाता है।
👉 इस सुरंग की लंबाई 50 किमी से अधिक है।
👉 यह परियोजना तेलंगाना के कई जिलों के किसानों को पानी पहुंचाने के लिए बनाई जा रही है।
👉 टनल का निर्माण कार्य कई वर्षों से रुका हुआ था और चार दिन पहले ही दोबारा शुरू किया गया था।
क्या है आगे की योजना?
🔹 सेना और NDRF की टीमें जल्द मौके पर पहुंचेंगी।
🔹 विशेषज्ञों की मदद से बचाव कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।
🔹 टनल के अन्य हिस्सों का भी निरीक्षण किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।
🔹 सरकार मजदूरों के परिवारों से संपर्क कर रही है और हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया गया है।
तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम टनल हादसे ने एक बार फिर सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर कर दिया है। 8 मजदूर अभी भी सुरंग में फंसे हैं, जिनकी सुरक्षा को लेकर पूरा प्रशासन सक्रिय हो गया है। भारतीय सेना, NDRF और अन्य बचाव एजेंसियां पूरी ताकत से उन्हें सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
आने वाले घंटों में यह साफ हो पाएगा कि रेस्क्यू ऑपरेशन कितना सफल होता है और मजदूरों को सुरक्षित निकालने में कितनी देर लग सकती है।
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