• रिजिजू ने विशेष तौर पर कांग्रेस को चेताते हुए कहा कि "विपक्ष ऐसा कोई बयान न दे, जो पाकिस्तान के लिए उपयोगी बन जाए

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में सोमवार को उस समय तीखापन देखने को मिला जब केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष को सख्त लहजे में आगाह किया। उन्होंने कहा कि "संसद में चर्चा जरूर हो, लेकिन भारत की गरिमा और सुरक्षा बलों की मर्यादा के भीतर रहकर।" रिजिजू ने विशेष तौर पर कांग्रेस को चेताते हुए कहा कि "विपक्ष ऐसा कोई बयान न दे, जो पाकिस्तान के लिए उपयोगी बन जाए।"

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले सतर्कता की अपील

लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले किरेन रिजिजू ने कहा, "हमारा आग्रह है कि विपक्ष राष्ट्रीय हितों के खिलाफ कुछ न बोले। हमें हमारी सशस्त्र सेनाओं के साहस और समर्पण को सम्मान देना चाहिए।" उन्होंने दोहराया कि विपक्ष को सोच-समझकर बोलना चाहिए, क्योंकि उनके बयान पाकिस्तान जैसे देशों के प्रचार तंत्र में इस्तेमाल हो सकते हैं। "विपक्ष को पाकिस्तान की भाषा बोलने से बचना चाहिए।"

चिदंबरम के बयान पर भड़की भाजपा

इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के एक बयान ने राजनीति को गरमा दिया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सवाल उठाए कि "क्या हमले में शामिल आतंकी वाकई पाकिस्तान से आए थे? क्या इसका कोई प्रमाण है?" उन्होंने यह भी कहा कि "हमले में घरेलू आतंकी भी शामिल हो सकते हैं।" चिदंबरम ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए नुकसान को छुपा रही है।" उन्होंने ब्रिटेन का उदाहरण देते हुए कहा कि "वर्ल्ड वॉर के समय ब्रिटेन रोजाना अपना नुकसान बताता था, भारत सरकार को भी पारदर्शिता रखनी चाहिए।" भाजपा ने इस बयान को लेकर कांग्रेस पर सीधा हमला बोला। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस हमेशा आतंकियों और पाकिस्तान की भाषा बोलती है, और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करती है।

संसद में 16 घंटे की चर्चा, टकराव के आसार

लोकसभा में सोमवार से ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर कुल 16 घंटे की चर्चा प्रस्तावित है। ऐसे में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस के आसार हैं। भाजपा विपक्ष से यह मांग कर रही है कि सेना के पराक्रम पर सवाल न उठाए जाएं, जबकि विपक्ष सरकार से पारदर्शिता की मांग कर रहा है।

सवालों और जवाबों के बीच देशहित की चुनौती

विपक्ष जहां सरकार से आतंकी हमले की जांच और ऑपरेशन सिंदूर के तथ्यों को सामने लाने की मांग कर रहा है, वहीं सरकार यह मान रही है कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर गैर-जिम्मेदाराना बयान राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। रिजिजू की टिप्पणी इसी संदर्भ में आई है कि "लोकतंत्र में बहस जरूरी है, लेकिन बहस में भी मर्यादा होनी चाहिए।"