December 23, 2024 8:53 PM

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धनतेरस 2024: दीपदान, पूजा और शुभ मुहूर्त—जानें कैसे बनाएं इस दिन को तीन गुना लाभदायक

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धनतेरस का पर्व हर साल दीपावली के पहले आता है, जब मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करके समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद मांगा जाता है। इस साल धनतेरस पर विशेष संयोग बन रहा है, जो न केवल शुभ है बल्कि निवेश और खरीदारी के लिए भी अत्यंत लाभदायक माना जा रहा है। इस लेख में हम जानेंगे धनतेरस की पूजा विधि, दीपदान का महत्व, और इस दिन के विशेष मुहूर्त।

धनतेरस का महत्व और इतिहास

धनतेरस का पर्व भारतीय संस्कृति में अद्वितीय है। इसे “धन त्रयोदशी” भी कहा जाता है और यह कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। साथ ही, मान्यता है कि मां लक्ष्मी भी इसी दिन प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन धातुओं (सोना, चांदी, तांबा) की खरीद को शुभ माना गया है।

दीपदान का महत्व

धनतेरस की शाम को दीपदान करने का महत्व विशेष रूप से बताया गया है। मान्यता है कि धनतेरस पर यमराज के लिए दीप जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। इस दिन घर के बाहर, मुख्य द्वार और आंगन में दीप जलाए जाते हैं ताकि समृद्धि और सौभाग्य का प्रवेश हो सके।

दीपदान करने की विधि

  1. संध्या समय में दीपक तैयार करें—मुख्य द्वार, तुलसी के पौधे, घर के मंदिर और आंगन में चार दीपक रखें।
  2. तेल या घी का दीपक जलाएं—दीपक में तिल का तेल या शुद्ध घी डालें।
  3. यमराज के लिए विशेष दीपक—घर के दक्षिण दिशा में एक दीपक जलाएं, इसे यमराज का दीपक कहा जाता है।

पूजा विधि: कैसे करें धनतेरस पर मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा

  1. साफ-सफाई और सजावट—धनतेरस पर घर और व्यापारिक स्थल की सफाई करके फूलों और रंगोली से सजाएं।
  2. कलश स्थापना—मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की मूर्ति के सामने जल से भरा एक कलश स्थापित करें।
  3. धूप-दीप और नैवेद्य अर्पण—पूजा में धूप, दीप, चंदन, फल, मिठाई और विशेष रूप से पीले फूल अर्पित करें।
  4. मंत्र और आरती—पूजा के दौरान “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें और आरती के साथ पूजा का समापन करें।

इस धनतेरस के लिए विशेष मुहूर्त

इस साल धनतेरस पर दो शुभ मुहूर्त बताए गए हैं, जिनमें आप खरीदारी और निवेश कर सकते हैं। पहला मुहूर्त सुबह है और दूसरा मुहूर्त शाम को रहेगा, जिससे कामकाजी लोग भी आसानी से निवेश कर सकते हैं।

  • सुबह का मुहूर्त: 10:15 बजे से 11:45 बजे तक
  • शाम का मुहूर्त: 5:30 बजे से 7:30 बजे तक

खरीदारी और निवेश के फायदे के लिए बन रहा है विशेष योग

इस वर्ष धनतेरस पर लाभदायक “त्रिपुष्कर योग” भी बन रहा है, जिसमें की गई खरीदारी तीन गुना लाभकारी होती है। यह योग हर साल नहीं आता, इसलिए इस साल निवेश के लिए उत्तम माना गया है। आप इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, वाहन और अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं की खरीद कर सकते हैं।

क्या खरीदें इस धनतेरस पर?

धनतेरस पर कुछ विशेष वस्तुएं खरीदने से दीर्घकालिक लाभ मिलता है:

  • सोना और चांदी—धन-संपत्ति बढ़ाने के लिए शुभ।
  • बर्तन—स्वास्थ्य और समृद्धि के प्रतीक।
  • इलेक्ट्रॉनिक सामान—टेक्नोलॉजी से जुड़े व्यवसाय में उन्नति।
  • सालभर के लिए निवेश—धनतेरस पर किया गया निवेश वर्षभर लाभकारी रहता है।

इस साल धनतेरस पर शुभ मुहूर्त, त्रिपुष्कर योग और विशेष पूजन विधि के साथ अपने जीवन में सुख-समृद्धि और संपत्ति का स्वागत करें। सही समय पर पूजा, दीपदान और निवेश करके आप इस दिन को अत्यंत लाभकारी बना सकते हैं।

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