अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के तहत हो रहे मंदिर निर्माण कार्य की गति में निरंतर प्रगति हो रही है। श्रीराम मंदिर का स्वरूप दिन-प्रतिदिन निखरता जा रहा है, और इसके विभिन्न हिस्सों का निर्माण तय समयसीमा में हो रहा है।
- शेषावतार मंदिर और बाहरी परकोटा
- शेषावतार मंदिर अगस्त तक तैयार हो जाएगा।
- मंदिर का बाहरी परकोटा अक्टूबर तक पूर्ण हो जाएगा।
- सप्त मंडल मंदिर मार्च 2025 तक तैयार होने की योजना है।
- पहले मंदिर निर्माण कार्य को 30 जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने नई पूर्णता तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की है।
- भूतल में देवी-देवताओं की मूर्तियों का कार्य
मंदिर के भूतल पर कुल 166 खंभों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। विशेष कारीगरों द्वारा यह कार्य निरंतर और समर्पण के साथ किया जा रहा है। - प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ
- श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ अब पंचांग अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी (कूर्म द्वादशी) को मनाई जाएगी।
- वर्ष 2025 में यह तिथि 11 जनवरी को होगी।
- इस तिथि से तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विशेष धार्मिक अनुष्ठान होंगे।
- अत्याधुनिक हेल्थ केयर सिस्टम और यात्री सेवा केंद्र
- अपोलो हॉस्पिटल, दिल्ली के सहयोग से श्रीराम जन्मभूमि परिसर में अत्याधुनिक हेल्थ केयर सिस्टम विकसित किया जाएगा।
- यात्री सेवा केंद्र के पास 3000 वर्ग मीटर क्षेत्र में यह सुविधा उपलब्ध होगी।
- परिसर के दक्षिणी कोने में 500 लोगों के बैठने के लिए प्रेक्षागृह, अतिथि समागृह और ट्रस्ट कार्यालय का निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो चुका है।
- रामलला के लिए शीत ऋतु के विशेष वस्त्र
- प्रभु श्री रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बाद यह उनकी पहली शीत ऋतु है।
- इस अवसर पर विशेष ऊनी वस्त्र पहनाए जा रहे हैं, जिसमें गुजरात की पटोला इक्कत सिल्क से बने पटुका और लद्दाख के पश्मीना से निर्मित अंगवस्त्र श्रीरामलला की शोभा बढ़ा रहे हैं।
- शत सहस्र चंडी विश्व शांति महायज्ञ
- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास, श्री कांची कामकोटि पीठ और चिन्मयी सेवा न्यास के सहयोग से 18 नवंबर 2024 से 1 जनवरी 2025 तक श्री महानारायण दिव्य रुद्र और शत सहस्र चंडी विश्व शांति महायज्ञ चल रहा है।
- इस अनुष्ठान के दौरान विघ्नेश्वर पूजा, भूमि पूजा, और वनदुर्गा महाविद्या हवन आदि अनुष्ठान किए गए हैं।
- प्रतिष्ठा द्वादशी के कार्यक्रम
प्रतिष्ठा द्वादशी पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम इस प्रकार होंगे:
- यज्ञ मण्डप (मंदिर परिसर)
- शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों से अग्निहोत्र (सुबह 8-11 बजे और दोपहर 2-5 बजे)
- 6 लाख श्रीराम मंत्र जाप
- राम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा, आदि का पाठ
- मंदिर भूतल पर कार्यक्रम
- राग सेवा (3-5 बजे)
- बधाई गान (6-9 बजे)
- यात्री सुविधा केंद्र के प्रथम तल पर
- संगीतमय मानस पाठ
- अंगद टीला पर
- राम कथा (2-3:30 बजे)
- मानस प्रवचन (3:30-5 बजे)
- सांस्कृतिक कार्यक्रम (5:30-7:30 बजे)
- भगवान का प्रसाद वितरण (प्रातःकाल से)
इस प्रकार श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अयोध्या में पर्यटन और सांस्कृतिक जीवन को भी नया आयाम देगा।