October 15, 2025 7:32 PM

रिलायंस पॉवर के सीएफओ अशोक कुमार पाल गिरफ्तार, ईडी ने की बड़ी कार्रवाई

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फर्जी बैंक गारंटी और बिलिंग में गड़बड़ी का आरोप, अनिल अंबानी की कंपनी पर फिर घिरा शिकंजा

ईडी ने रिलायंस पॉवर के सीएफओ अशोक कुमार पाल को किया गिरफ्तार, फर्जी बैंक गारंटी का आरोप

नई दिल्ली। अनिल अंबानी समूह की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। केंद्र सरकार की वित्तीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस पॉवर लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार कर लिया है।
ईडी ने यह कार्रवाई फर्जी बैंक गारंटी और जाली बिलों के जरिए वित्तीय लेनदेन में हेराफेरी के आरोपों के तहत की है। शुक्रवार देर रात पाल को दिल्ली स्थित ईडी कार्यालय में घंटों की पूछताछ के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया गया।


ईडी करेगी कोर्ट में पेश, रिमांड की मांग होगी

ईडी अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान अशोक पाल कई सवालों के स्पष्ट जवाब नहीं दे सके।
जांच एजेंसी का कहना है कि कंपनी के कुछ पुराने वित्तीय दस्तावेजों में फर्जी बैंक गारंटी और जाली बिलों के इस्तेमाल के प्रमाण मिले हैं।
इस आधार पर ईडी ने देर रात पाल को गिरफ्तार किया और शनिवार को उसे अदालत में पेश कर न्यायिक रिमांड की मांग की जाएगी।

सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई अनिल अंबानी समूह की कंपनियों से जुड़ी कई करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामलों की चल रही जांच का हिस्सा है।


ईडी की नजर में रिलायंस ग्रुप की कई कंपनियां

ईडी पिछले कई महीनों से रिलायंस पॉवर, रिलायंस कैपिटल, और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर सहित समूह की अन्य कंपनियों के खातों और वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है।
जांच एजेंसी ने पाया कि कुछ कंपनियों ने बैंक गारंटी के नाम पर फर्जी दस्तावेज पेश कर लोन की रकम का गलत इस्तेमाल किया है।

जानकारी के अनुसार, ईडी ने इस संबंध में बैंकिंग दस्तावेज, भुगतान रिकॉर्ड और आंतरिक ऑडिट रिपोर्ट को जब्त किया है। एजेंसी अब इनकी मदद से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कथित फर्जी गारंटी से किसे लाभ पहुंचाया गया।


शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच गिरफ्तारी

ईडी की कार्रवाई के बीच शुक्रवार को रिलायंस पॉवर का शेयर 9.34% की बढ़त के साथ 48.60 रुपये पर बंद हुआ।
यह कंपनी का 52 हफ्तों में सबसे ऊंचा स्तर नहीं है, लेकिन निवेशकों के लिए यह सकारात्मक संकेत था।
हालांकि, अब सीएफओ की गिरफ्तारी के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कारोबारी सत्र में शेयर पर दबाव देखने को मिल सकता है।

रिलायंस पॉवर का 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 76.49 रुपये और न्यूनतम स्तर 31.30 रुपये दर्ज किया गया था।


2008 में शीर्ष पर, अब जांच के घेरे में अनिल अंबानी

कभी देश के शीर्ष उद्योगपतियों में गिने जाने वाले अनिल अंबानी का कारोबारी साम्राज्य पिछले एक दशक में बुरी तरह कमजोर हो चुका है।
वर्ष 2008 में वे 42 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति थे।
लेकिन, 2020 तक स्थिति इतनी बिगड़ गई कि उन्होंने ब्रिटेन की अदालत में खुद को दिवालिया घोषित कर दिया।

अदालत में उन्होंने कहा था कि अब उनके पास “एक भी पैसा नहीं बचा है”।
वर्तमान में उनकी कई कंपनियां वित्तीय संकट और सरकारी जांच एजेंसियों के कर्ज, निवेश और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों के दायरे में हैं।


ईडी की कार्रवाई से कॉरपोरेट जगत में हलचल

रिलायंस पॉवर के सीएफओ की गिरफ्तारी के बाद कॉरपोरेट जगत में हलचल है।
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला कॉर्पोरेट गवर्नेंस और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।
अगर जांच में बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ी साबित होती है, तो पूरे रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।

कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी को सात साल तक की सजा और संपत्ति जब्ती का प्रावधान है।


रिलायंस पॉवर की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार

अब तक रिलायंस पॉवर या समूह की किसी अन्य कंपनी की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
हालांकि, कंपनी सूत्रों का कहना है कि वे “जांच में पूरा सहयोग” दे रहे हैं और “जल्द ही अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।”


निवेशकों में चिंता, बाजार विशेषज्ञों की चेतावनी

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि यह गिरफ्तारी निवेशकों के लिए नकारात्मक संकेत है।
यदि ईडी आगे कंपनी की संपत्तियों या खातों की जांच को विस्तार देती है, तो इससे शेयर के भाव में भारी गिरावट संभव है।
वहीं, वित्त विशेषज्ञों ने निवेशकों को सतर्क रहने और अल्पकालिक निवेश से बचने की सलाह दी है।



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