- आरसीबी के प्रशंसक इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनने स्टेडियम के बाहर हजारों की संख्या में जुटे थे, लेकिन आयोजन की अव्यवस्था भारी पड़ गई
- रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत का जश्न मंगलवार रात उस वक्त मातम में बदल गया
- परेड को लेकर आयोजकों ने अंतिम समय तक कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की
बंगलूरू। आईपीएल 2025 में पहली बार चैंपियन बनी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत का जश्न मंगलवार रात उस वक्त मातम में बदल गया, जब चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई। इस हादसे में 14 वर्षीय एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। आरसीबी के प्रशंसक इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनने स्टेडियम के बाहर हजारों की संख्या में जुटे थे, लेकिन आयोजन की अव्यवस्था भारी पड़ गई।
अंतिम क्षण तक नहीं था तय परेड का रूट
आरसीबी की जीत के बाद खिलाड़ियों की ओपन बस परेड की खबर ने पूरे राज्य से प्रशंसकों को बंगलूरू खींच लाया। लेकिन परेड को लेकर आयोजकों ने अंतिम समय तक कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की। पास अनिवार्य थे, पर कई हजार लोग बिना पास पहुंच गए। पास चेकिंग के नाम पर इक्का-दुक्का गार्ड थे, मगर भीड़ नियंत्रण के पुख्ता इंतज़ाम नदारद थे।

चश्मदीदों ने बताया भयावह मंजर
गेट नंबर 3 पर मौजूद इनायत नामक व्यक्ति ने बताया, “गेट पर भीड़ का इतना दबाव था कि एक बार हल्का सा गेट खुलते ही लोग अंदर घुसने को टूट पड़े। किसी ने किसी को कुचल दिया, किसी को संभालने वाला कोई नहीं था।” इसी तरह गेट नंबर 1 पर जमा भीड़ में किसी ने कहा कि “विराट कोहली इसी तरफ से आएंगे”, बस फिर क्या था, भीड़ बेकाबू हो गई। गेट बंद था और आगे गिरते-पड़ते लोग एक-दूसरे पर चढ़ते चले गए। अधिकतर लोग युवा और महिलाएं थीं, जो इस भीड़ में घायल हुए।

‘मैंने अपनी पोती खो दी…’
कनूर से आई 14 वर्षीय देव्यामशी, अपनी मां और बहन के साथ आरसीबी का जश्न मनाने पहुंची थी, लेकिन भगदड़ में उसकी मौत हो गई। उसका शव बॉरिंग अस्पताल में रखा गया है। अस्पताल के बाहर उसकी दादी ने रोते हुए कहा, “वहां बहुत भीड़ थी, धक्का-मुक्की चल रही थी… सबको कुछ नहीं हुआ, लेकिन मैंने अपनी पोती को खो दिया।”

कौन है जिम्मेदार?
इस हादसे ने एक बार फिर भीड़ प्रबंधन और आयोजक की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना सूचना के परेड आयोजन, अपर्याप्त गेट स्टाफ, अनियंत्रित प्रवेश व्यवस्था, पुलिस और सुरक्षा बलों की कमी जैसी बड़ी चूकें इस भगदड़ की वजह बनीं। कर्नाटक प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन एक मासूम की मौत और दर्जनों घायल लोगों का दर्द अब भी सवालों के घेरे में है।