भोपाल। रामनवमी का पर्व इस बार रविवार, 6 अप्रैल 2025 को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। इस दिन को ‘राम जन्मोत्सव’ के रूप में मनाया जाता है।

इस बार रामनवमी पर पूजा का विशेष मुहूर्त सुबह 11 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा। यह समय लगभग ढाई घंटे का होगा, जो मध्याह्न काल माना गया है — यानी भगवान श्रीराम के जन्म का काल।


घर पर ऐसे करें रामनवमी की पूजा

पूजा के लिए सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और श्रीराम की मूर्ति या चित्र को साफ स्थान पर स्थापित करें। गंगाजल से शुद्धिकरण करने के बाद भगवान को पंचामृत से स्नान कराएं और फूल, वस्त्र, चंदन, हार आदि से श्रृंगार करें। फिर दीपक जलाकर आरती करें और भोग अर्पित करें।


‘भये प्रकट कृपाला’ आरती से करें पूजन

पूजन के अंत में तुलसीदास रचित आरती ‘भये प्रकट कृपाला दीनदयाला’ का गान करें। यह आरती श्रीराम की करुणा और शक्ति का वर्णन करती है और इसे पूजा में शामिल करना अत्यंत पुण्यदायक माना गया है।


क्या भोग लगाएं श्रीराम को?

रामनवमी के दिन सात्विक भोजन का भोग अर्पित करना चाहिए। विशेष रूप से केसरिया हलवा, चने-पूड़ी, पंचामृत, फल और तुलसी मिश्रित मिश्री भगवान को समर्पित करें।


पाठ से मिलेगा श्रीराम का आशीर्वाद

रामनवमी के दिन रामचरितमानस के बालकांड, राम रक्षा स्तोत्र, सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है। इनमें से कोई भी पाठ श्रद्धा से करने पर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति का संचार होता है।


भोपाल समेत देशभर के मंदिरों में होंगे आयोजन

रामनवमी के अवसर पर भोपाल के लक्ष्मीनारायण मंदिर, रामराजा मंदिर, हनुमान मंदिर टीटी नगर सहित कई प्रमुख मंदिरों में विशेष झांकियां, शोभायात्राएं और संगीतमय राम कथा के आयोजन होंगे। सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं।


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