राम मंदिर की चांदी की मूर्ति की नीलामी में बोली 3.51 लाख पार, नमामि गंगे को जाएगी राशि

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उपहार में मिली एक अद्भुत चांदी की मूर्ति की ई-नीलामी में अब तक 3.51 लाख रुपये से अधिक की सर्वाधिक बोली लग चुकी है। यह मूर्ति भगवान श्रीराम की खड़ी मुद्रा में है और उनके चारों ओर भव्य राम मंदिर का शिल्प उकेरा गया है। श्रद्धा, संस्कृति और कला का अद्वितीय संगम मानी जा रही यह मूर्ति वर्तमान में ऑनलाइन नीलामी का केंद्र बनी हुई है।

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नीलामी की शुरुआत और अब तक की स्थिति

  • नीलामी की शुरुआत 17 सितंबर को हुई थी।
  • यह नीलामी 2 अक्टूबर शाम 5 बजे तक चलेगी।
  • इस मूर्ति का प्रारंभिक मूल्य 2.75 लाख रुपये रखा गया था।
  • अब तक 8 बोलियां लग चुकी हैं, जिनमें सबसे ऊँची बोली 3.51 लाख रुपये की रही है।

यह नीलामी संस्कृति मंत्रालय द्वारा पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी तरीके से कराई जा रही है।


मूर्ति की विशेषताएँ

यह चांदी की मूर्ति न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि भारतीय शिल्पकला और स्थापत्य की बेमिसाल मिसाल भी है।

  • लंबाई: 26.7 सेमी
  • चौड़ाई: 16.7 सेमी
  • ऊँचाई: 21.2 सेमी
  • वजन: 2.5 किलोग्राम
  • सामग्री: शुद्ध चांदी
  • जीएसटी/शिपिंग चार्ज: निशुल्क

मूर्ति में भगवान श्रीराम की गरिमा और आध्यात्मिक शांति के भाव को दर्शाया गया है, जबकि चारों ओर उकेरे गए मंदिर की आकृति भारतीय स्थापत्य कला की सूक्ष्मता और भव्यता को उजागर करती है।


प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री ने इस नीलामी पर ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा –

“यह नीलामी केवल उपहारों की बिक्री नहीं है, बल्कि यह भारत की संस्कृति, रचनात्मकता और विरासत को सम्मान देने का माध्यम है। इससे प्राप्त राशि नमामि गंगे मिशन के लिए समर्पित की जाएगी। आप सभी नीलामी में भाग लें।”

उन्होंने इस मूर्ति को “आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर” बताते हुए कहा कि यह कला प्रेमियों और भक्ति भाव रखने वालों के लिए अमूल्य धरोहर है।


ऑनलाइन नीलामी में शामिल अन्य उपहार

प्रधानमंत्री को समय-समय पर मिले हजारों उपहारों की इस चौथी ऑनलाइन नीलामी में कई महत्वपूर्ण वस्तुएँ शामिल हैं।

  • देवी तुलजा भवानी की मूर्ति
  • राम मंदिर का मॉडल
  • कामधेनु और बछड़ा
  • भगवान बाघेश्वर बालाजी का चांदी का फ्रेम
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इसके अलावा 80 हजार से अधिक स्मृति चिह्न नीलामी में रखे गए हैं, जिनमें –

  • 58 कलाकृतियाँ
  • 22 सजावट की वस्तुएँ
  • 59 आदिवासी कला की कृतियाँ
  • 38 पारंपरिक टोपी
  • 400 वस्त्र (शॉल, पगड़ी, कंबल आदि)
  • लकड़ी, मिट्टी और धातु की वस्तुएँ

श्वेत ऊनी शॉल, नीली मखमली पगड़ी स्टैंड और खादी के कंबल जैसी वस्त्र सामग्री की नीलामी भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

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अब तक की उपलब्धियाँ

  • इस बार की नीलामी में सबसे अधिक लोगों की भागीदारी दर्ज की गई है।
  • लगभग 7000 वस्तुओं की नीलामी पूरी हो चुकी है।
  • करीब 5000 स्मृति चिह्नों की नीलामी जारी है।
  • जबकि लगभग 40 हजार वस्त्र सामग्री की शुरुआती बोली लगनी बाकी है।

यह प्रधानमंत्री मोदी को मिले उपहारों की चौथी ऑनलाइन नीलामी है। इससे पहले 2015, 2018 और 2021 में भी ऐसी नीलामियाँ आयोजित की जा चुकी हैं।

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यह नीलामी सिर्फ़ धार्मिक धरोहरों को संरक्षित करने का प्रयास नहीं, बल्कि उससे प्राप्त धनराशि को पर्यावरण संरक्षण और गंगा नदी के पुनर्जीवन जैसे महान कार्यों में लगाने का एक सराहनीय उदाहरण है।