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April 19, 2025 2:27 AM

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर कलश स्थापितअक्षय तृतीया पर श्रीराम दरबार की होगी स्थापना

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अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। सोमवार को मंदिर के गर्भगृह के मुख्य शिखर पर कलश की स्थापना विधिविधान के साथ की गई। यह आयोजन न केवल मंदिर निर्माण में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अति विशेष है।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजन

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी कि सोमवार सुबह 9:15 बजे कलश पूजन विधि प्रारंभ की गई और 10:15 बजे कलश को शिखर पर स्थापित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि मंदिर के शिखर का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है और अब गर्भगृह के अंदर श्रीराम दरबार की स्थापना की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं।

30 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर श्रीराम दरबार की स्थापना

महासचिव ने बताया कि अक्षय तृतीया (30 अप्रैल) के पावन अवसर पर गर्भगृह में श्रीराम दरबार की स्थापना की जाएगी। इसके बाद जून महीने में किसी शुभ तिथि पर तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाएगा।
इस समारोह के दौरान जलवास, अन्नवास, औषधिवास, शैय्यावास जैसे विभिन्न वैदिक अनुष्ठानिक विधानों का पालन किया जाएगा।

मूर्तियों की स्थापना की प्रक्रिया शुरू

चंपत राय के अनुसार, 15 अप्रैल के बाद श्रीराम दरबार सहित अन्य मूर्तियों को अयोध्या लाने की प्रक्रिया शुरू होगी।

  • सभी मूर्तियां जयपुर में सफेद मकराना पत्थर से निर्मित की गई हैं और उनका आकार व वजन काफी अधिक है, जिससे उन्हें विशेष सुरक्षा में लाया जाएगा।
  • संत तुलसीदास जी की मूर्ति पहले ही स्थापित की जा चुकी है।
  • कुल 18 मूर्तियां मंदिर परिसर में स्थापित की जाएंगी।

सप्तमंडप और अन्य मंदिरों की मूर्तियां भी तैयार

मंदिर परिसर के सप्तमंडप में जिन ऋषि-मुनियों और भक्ति चरित्रों की मूर्तियां स्थापित होनी हैं, उनमें महर्षि वाल्मीकि, गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, शबरी, अहिल्या आदि प्रमुख हैं। इन मूर्तियों के साथ उनके वस्त्र और आभूषणों का निर्माण कार्य भी जारी है।

परकोटे के भीतर अन्नपूर्णा देवी, हनुमान जी, शिव मंदिर समेत छह अन्य मंदिरों के विग्रह भी लाए जा रहे हैं। शेषावतार मंदिर का कार्य अभी थोड़ा शेष है।

अप्रैल के अंत तक हटेगी टॉवर क्रेन

चंपत राय ने यह भी बताया कि अप्रैल माह के अंत तक टॉवर क्रेन को हटाने की योजना है, जिसके बाद उत्तर और दक्षिण दिशा के अधूरे परकोटे का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाएगा। इससे मंदिर का बाह्य ढांचा और भी भव्य रूप लेगा।

इस ऐतिहासिक मंदिर के निर्माण कार्य की प्रत्येक प्रगति देश और दुनिया भर में श्रीराम भक्तों के लिए गौरव और श्रद्धा का विषय बनी हुई है। आने वाले सप्ताहों में यह मंदिर अपने पूर्ण वैभव में दिखाई देगा।

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