अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की भव्यता में मंगलवार को एक और ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया। वैशाख शुक्ल द्वितीया के पावन दिन, सुबह शुभ मुहूर्त में राम मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फीट ऊंचे धर्म ध्वज दंड की स्थापना की गई। यह कार्य सुबह 6:30 बजे शुरू हुआ और 8 बजे तक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूरा किया गया।
7 महीने में 60 कारीगरों ने किया निर्माण
यह ध्वज दंड पूर्णत: पीतल से निर्मित है और इसका वजन लगभग 5.5 टन है। इसे गुजरात की अंबिका इंजीनियर वर्क ने तैयार किया है। अहमदाबाद से इसे विशेष रथ पर अयोध्या लाया गया। ध्वज दंड निर्माण में 60 कुशल कारीगरों ने सात महीने तक सतत परिश्रम किया।
शिखर की शक्ति के अनुसार किया गया डिजाइन
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार, रुड़की स्थित सीबीएएसआर संस्थान ने इसकी संरचनात्मक जांच कर यह सुनिश्चित किया कि इसका भार मंदिर शिखर की शक्ति के अनुरूप है। ध्वज दंड के लगने के बाद अब राम मंदिर की कुल ऊंचाई 203 फीट हो गई है—जिसमें 161 फीट शिखर और 42 फीट ध्वज दंड शामिल है।

चंपत राय ने दी जानकारी
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने इस अवसर पर एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा—”आज वैशाख शुक्ल द्वितीया 29 अप्रैल 2025, मंगलवार सुबह 8 बजे राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वज दंड स्थापित किया गया।”
14 अप्रैल को हुआ था कलश स्थापना का कार्य
इससे पहले 14 अप्रैल को राम मंदिर के शिखर पर कलश की स्थापना की गई थी। अब मंदिर की परकोटा मूर्तियों और सप्त ऋषि मंदिरों की प्रतिमाएं भी अयोध्या पहुंच चुकी हैं, जिन्हें 30 अप्रैल तक मंदिर परिसर में स्थापित किया जाएगा।
सुरक्षा दीवार का निर्माण शुरू
राम मंदिर की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर परिसर के चारों ओर 4 किलोमीटर लंबी सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी। इसकी जिम्मेदारी इंजीनियर इंडिया लिमिटेड को सौंपी गई है। मिट्टी की जांच के बाद इसका निर्माण शुरू किया जाएगा।
राम मंदिर का निर्माण हर दिन एक नई ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ आगे बढ़ रहा है, जो भारत की आस्था और वास्तुकला का गौरवपूर्ण प्रतीक बन रहा है।
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