नई दिल्ली। श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर निर्माण ने अयोध्या की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है। उन्होंने उन आलोचकों को करारा जवाब दिया, जो यह सवाल उठाते हैं कि मंदिर से रोजगार और व्यापार को कितना लाभ होता है।
ट्रस्ट ने सरकार को 400 करोड़ का टैक्स दिया
चंपत राय ने पाञ्चजन्य महाकुंभ-2025 मंथन कार्यक्रम में बताया कि 2020 से राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा, “पिछले एक साल में ही अयोध्या में करीब 4 करोड़ श्रद्धालु दर्शन के लिए आए। 5 फरवरी 2020 से 5 फरवरी 2025 के बीच श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने सरकार को लगभग 400 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में दिया, जिसमें से 270 करोड़ रुपये केवल जीएसटी के रूप में थे।”
श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि
राम मंदिर निर्माण की शुरुआत के बाद से ही अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ी है। चंपत राय के अनुसार,
- 2020 में मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या 7,000 से बढ़कर 25,000 हो गई।
- 22 जनवरी 2024 को रामलला की मूर्ति स्थापना के बाद यह संख्या 75,000 प्रतिदिन तक पहुंच गई।
- शनिवार और मंगलवार को यह आंकड़ा 1 लाख तक पहुंच जाता है।
- बीते एक वर्ष में 4 से 4.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए।
महाकुंभ 2025 में 1.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने अयोध्या में किए दर्शन
महाकुंभ 2025 के दौरान अयोध्या में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। 15 जनवरी से 28 फरवरी 2025 के बीच हर दिन औसतन 4 से 4.5 लाख लोग अयोध्या पहुंचे। इस दौरान कुल 1.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए।
रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन 10 विशेष ट्रेनें महाकुंभ से अयोध्या आईं और हर ट्रेन से 4,000 से 4,500 श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे।
प्रशासन को उठाने पड़े विशेष कदम
अयोध्या में बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन को सुरक्षा उपायों को सख्त करना पड़ा। चंपत राय ने कहा कि 26 जनवरी को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखकर भगदड़ की आशंका हो गई थी। उन्होंने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए –
- 24 घंटे के भीतर प्रशासन के साथ बैठक हुई और अयोध्या को वन-वे ट्रैफिक में बदल दिया गया।
- भगवान रामलला के दर्शन के समय को सुबह 5 बजे से रात 12 बजे तक बढ़ा दिया गया।
- रामलला के दोपहर विश्राम को भी स्थगित करना पड़ा।
- रात में किसी को मंदिर परिसर में रुकने की अनुमति नहीं दी गई।
चंपत राय ने कहा कि इन उपायों के कारण किसी भी अप्रिय घटना से बचाव हो सका।
अयोध्या की अर्थव्यवस्था में बड़ा उछाल
राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या न केवल धार्मिक बल्कि आर्थिक रूप से भी समृद्ध हो रही है।
- होटल, धर्मशालाएं, परिवहन सेवाएं और स्थानीय व्यापार को जबरदस्त फायदा हुआ।
- स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़े और हजारों लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हुए।
- अयोध्या नगर निगम बनने के बाद प्रशासन ने स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया है।
अयोध्या का कायाकल्प
चंपत राय ने कहा कि पहले अयोध्या में एक मेले के बाद गंदगी फैली रहती थी, लेकिन अब सफाई व्यवस्था बेहतर हो चुकी है। सरयू नदी के किनारे एक छोटी नहर बनाई गई है, जिसमें पंपिंग के जरिए सरयू का जल डाला जाता है, जिससे उसका रखरखाव सुचारू रूप से हो रहा है।
राम मंदिर निर्माण ने अयोध्या की अर्थव्यवस्था और पर्यटन में अप्रत्याशित वृद्धि की है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से स्थानीय व्यापार को नया जीवन मिला है और सरकार को भी राजस्व में भारी बढ़ोतरी हुई है। अयोध्या अब सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आर्थिक विकास का केंद्र भी बन चुकी है।
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