2025 में रक्षाबंधन कब है? जानिए शुभ मुहूर्त, राशि अनुसार शिव पूजा और उपाय
श्रवण पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का पावन पर्व: शुभ मुहूर्त, ज्योतिषीय उपाय और पूजा विधि
रक्षाबंधन विशेष फीचर लेख
रक्षाबंधन पर्व का महत्व
रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक पर्व है, जिसे श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और रक्षा की कामना करती हैं तथा भाई आजीवन उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। इस वर्ष यह पावन पर्व विशेष संयोगों और शुभ योगों के साथ मनाया जाएगा।
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इस वर्ष कब है रक्षाबंधन?
इस बार सावन मास की पूर्णिमा तिथि दो दिन रहेगी - 8 और 9 अगस्त 2025 को। पूर्णिमा तिथि का आरंभ 8 अगस्त को दोपहर 1:35 बजे होगा और समापन 9 अगस्त को दोपहर 1:20 बजे। ऐसे में 9 अगस्त को सूर्योदय के समय पूर्णिमा तिथि विद्यमान रहने से 9 अगस्त (शनिवार) को रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इसी दिन पूर्णिमा स्नान, व्रत, पूजन और रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा रहेगी।
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भद्रा का साया नहीं रहेगा
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा का दोष नहीं है। इसलिए पूरे दिन रक्षाबंधन मनाना शुभ रहेगा और रक्षा सूत्र बांधने के लिए कोई बंदिश नहीं होगी। आप दिनभर शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन मना सकते हैं।
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शुभ संयोग: रक्षाबंधन पर बना विशेष योग
- दिन: शनिवार
- नक्षत्र: श्रवण नक्षत्र
- चंद्रमा की स्थिति: मकर राशि
- नक्षत्र के अधिपति: भगवान विष्णु
- वार के स्वामी: शनिदेव
इस दिन शिव, विष्णु और शनि तीनों की पूजा का अत्यंत शुभ योग बन रहा है। रक्षाबंधन के दिन इन तीनों देवताओं की विशेष आराधना करने से जीवन में स्थिरता, सुरक्षा और सुख-समृद्धि आती है।
राशि अनुसार करें रक्षाबंधन पर शिव पूजन के उपाय
रक्षाबंधन के दिन शिवजी की पूजा से विशेष पुण्य और ग्रह दोषों का शमन होता है। जानिए आपकी राशि के अनुसार किस प्रकार करें पूजा:
- मेष: दही से शिवलिंग का अभिषेक करें, लाल गुलाल चढ़ाएं।
- वृषभ: दूध से अभिषेक करें और नंदी देव की भी पूजा करें।
- मिथुन: शिव, पार्वती और गणेश का एक साथ अभिषेक करें, बिल्व पत्र अर्पित करें।
- कर्क: कच्चे दूध से अभिषेक करें, सफेद आंकड़े के फूल चढ़ाएं।
- सिंह: ठंडे जल से अभिषेक करें, 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करें।
- कन्या: मूंग चढ़ाएं और मूंग के हलवे का भोग लगाएं।
- तुला: सफेद वस्त्र अर्पित करें, माता पार्वती को श्रृंगार सामग्री चढ़ाएं।
- वृश्चिक: लाल फूलों से शिवलिंग सजाएं और गुलाल चढ़ाएं।
- धनु: केसर मिश्रित जल से अभिषेक करें, पीले फूल अर्पित करें।
- मकर: काले तिल और नीले फूल चढ़ाएं, दीपक जलाएं।
- कुंभ: काले तिल मिलाकर जल से अभिषेक करें, शमी पत्र अर्पित करें।
- मीन: जल चढ़ाएं, चंदन लगाएं और बेसन के लड्डू अर्पित करें।
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रक्षाबंधन पर क्या करें उपाय?
- शुभ मुहूर्त में राखी बांधें – सूर्योदय से दोपहर 1:20 बजे तक पूर्णिमा तिथि रहेगी, इसी दौरान राखी बांधना शुभ रहेगा।
- भाई की लंबी उम्र के लिए करें मंत्र जाप – राखी बांधने से पहले बहनें "ॐ यं भ्रातृव्यं रक्षं मम" मंत्र का जप करें।
- सात बार राखी लपेटें – रक्षा सूत्र को भाई की कलाई पर सात बार लपेटना शुभ होता है।
- भाई के माथे पर तिलक करें – कुमकुम और अक्षत से तिलक लगाएं और मिठाई खिलाएं।
- दान करें – रक्षाबंधन पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, छाता, चप्पल और धन का दान करें।
- गाय की सेवा करें – गौशाला में चारा या दान देने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
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रक्षाबंधन से जुड़ी मान्यताएं और भावनाएं
रक्षाबंधन केवल रक्षा का पर्व नहीं, बल्कि आत्मीयता, रिश्तों की गरिमा और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन बहनें सिर्फ भाई को राखी नहीं बांधतीं, बल्कि सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना करती हैं। वहीं भाई जीवनभर बहन की रक्षा का संकल्प लेते हैं।
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