पुलिस स्मृति दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, कहा– सशक्त पुलिस ही सशक्त राष्ट्र की नींव
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (हि.स.)। देशभर में सोमवार को पुलिस स्मृति दिवस बड़े सम्मान और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पहुंचकर देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिस बलों के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने कहा कि “सेना और पुलिस दोनों की भूमिका भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा में समान रूप से महत्वपूर्ण है — दोनों का उद्देश्य एक ही है, देश की रक्षा।”
“सेना और पुलिस का मिशन अलग नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा है साझा ध्येय”
कार्यक्रम में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें गृह मंत्री के रूप में भी कार्य करने का अनुभव रहा है, इसलिए वे पुलिस बलों की कठिनाइयों, चुनौतियों और उनके समर्पण को भलीभांति समझते हैं। रक्षा मंत्री ने कहा — “दुश्मन चाहे सीमा पार से आए या हमारे समाज के भीतर छिपा हो, भारत की सुरक्षा के लिए खड़ा व्यक्ति एक ही भावना से प्रेरित होता है। चाहे वह वर्दी पुलिस की हो या सेना की, दोनों का लक्ष्य मातृभूमि की रक्षा ही है।”
उन्होंने कहा कि सेना और पुलिस के मंच भले अलग हों, लेकिन उनकी आत्मा एक है — राष्ट्रीय सुरक्षा। दोनों ही बल देश के लिए सेवा, त्याग और अनुशासन की मिसाल हैं।
Speaking on the occasion of Police Commemoration Day. https://t.co/Z06QY2vIIG
— Rajnath Singh (@rajnathsingh)Speaking on the occasion of Police Commemoration Day. https://t.co/Z06QY2vIIG
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 21, 2025
“2047 के विकसित भारत में पुलिस की भूमिका निर्णायक”
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा कि जब देश 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, तब पुलिस बलों की भूमिका पहले से कहीं अधिक अहम हो जाती है। उन्होंने कहा — “समाज और पुलिस दोनों एक-दूसरे पर निर्भर हैं। समाज की शांति और स्थिरता पुलिस के अनुशासन पर टिकी है। इसलिए नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग देना चाहिए।”
राजनाथ सिंह ने कहा कि आधुनिक भारत में पुलिस केवल अपराध से नहीं, बल्कि धारणाओं और मानसिक चुनौतियों से भी लड़ रही है। उन्होंने बताया कि पहले अपराध का स्वरूप केवल चोरी या हिंसा तक सीमित था, परंतु अब डिजिटल अपराधों और साइबर ठगी ने पुलिस के सामने नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।
हमारी सरकार द्वारा पुलिस को अत्याधुनिक हथियारों और बेहतर सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। आज हमारे पुलिस बल सर्विलांस सिस्टम, ड्रोन, फॉरेंसिक लैब्स और डिजिटल पुलिसिंग जैसे आधुनिक साधनों से लैस हैं। हमारा मानना है कि सशक्त पुलिस ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकती है। pic.twitter.com/bINzB2XIL5
— Rajnath Singh (@rajnathsingh)हमारी सरकार द्वारा पुलिस को अत्याधुनिक हथियारों और बेहतर सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। आज हमारे पुलिस बल सर्विलांस सिस्टम, ड्रोन, फॉरेंसिक लैब्स और डिजिटल पुलिसिंग जैसे आधुनिक साधनों से लैस हैं। हमारा मानना है कि सशक्त पुलिस ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकती है। pic.twitter.com/bINzB2XIL5
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“सशक्त पुलिस ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकती है”
रक्षा मंत्री ने कहा कि लंबे समय तक पुलिस बलों के प्रयासों और उनके बलिदान को उचित मान्यता नहीं मिल पाई थी, लेकिन अब स्थितियाँ बदल रही हैं। उन्होंने कहा — “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2018 में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का निर्माण कराया गया, जिससे हमारे पुलिसकर्मियों के पराक्रम और त्याग को स्थायी पहचान मिली।”
राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि सशक्त पुलिस ही सशक्त राष्ट्र की नींव होती है। उन्होंने कहा कि आज पुलिस बल अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों से लैस हैं, परंतु सबसे बड़ी शक्ति उनका अनुशासन, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा है। वर्दी केवल कपड़ा नहीं, बल्कि यह सेवा, त्याग और विश्वास का प्रतीक है।
“अपराध का स्वरूप बदला, लेकिन पुलिस की प्रतिबद्धता अटूट”
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज का अपराधी तकनीक का उपयोग कर नए-नए अपराधों को अंजाम दे रहा है। साइबर अपराध, ऑनलाइन ठगी, डिजिटल जालसाजी जैसे अपराधों से निपटने के लिए पुलिस को न केवल तकनीकी रूप से सक्षम बनना होगा बल्कि मानसिक रूप से भी तैयार रहना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि “हमारे सामने कई चुनौतियाँ हैं, लेकिन मुझे भरोसा है कि हमारी पुलिस किसी भी परिस्थिति में देश की सुरक्षा के अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगी।”
“21 अक्टूबर — पुलिस बलिदान का दिवस”
हर वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। यह दिवस उन दस बहादुर पुलिसकर्मियों की शहादत की याद में मनाया जाता है जिन्होंने 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में चीनी सैनिकों के हमले का सामना करते हुए देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
उनकी वीरता और बलिदान की स्मृति में यह दिन राष्ट्रीय स्तर पर पुलिस बलों के सम्मान में समर्पित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का उद्घाटन किया था, जो देशभर के उन पुलिसकर्मियों की स्मृति को साकार करता है जिन्होंने अपने कर्तव्य के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया।
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“त्याग और सेवा का प्रतीक है पुलिस बल”
राजनाथ सिंह ने कहा कि पुलिस केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने वाला बल नहीं है, बल्कि यह समाज की सुरक्षा का प्रथम प्रहरी है। उन्होंने कहा — “पुलिसकर्मियों के त्याग, परिश्रम और अनुशासन से ही समाज में विश्वास कायम रहता है। आज का दिन उन सभी शहीदों को याद करने का है जिन्होंने हमारी सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।”
कार्यक्रम के अंत में रक्षा मंत्री ने दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें इस पावन पर्व पर उन वीर जवानों और पुलिसकर्मियों को याद करना चाहिए जो देश की सीमाओं और सड़कों पर हमारी सुरक्षा के लिए चौकस खड़े हैं।
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