- पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर किसी सैन्य कार्रवाई या लड़ाई के बिना भारत का हिस्सा बन जाएगा
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को मोरक्को में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) किसी सैन्य कार्रवाई या लड़ाई के बिना भारत का हिस्सा बन जाएगा। उन्होंने दावा किया कि PoK के लोग खुद आज़ादी की मांग कर रहे हैं और एक दिन कहेंगे, “मैं भी भारत हूं।”
रक्षा मंत्री ने याद दिलाया कि पांच साल पहले भी उन्होंने कश्मीर में सेना के एक कार्यक्रम में इसी तरह की बात कही थी। उनके इस बयान का राजनीतिक महत्व और बढ़ गया है, क्योंकि विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहा है कि 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान PoK में कब्जा करने का मौका गंवा दिया गया। उस समय भारतीय वायुसेना ने कई पाकिस्तानी फाइटर जेट गिराए थे, लेकिन सरकार ने सीजफायर मान लिया।
मोरक्को दौरे पर टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स का उद्घाटन
राजनाथ सिंह दो दिन के दौरे पर मोरक्को पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के नए व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WhAP) 8×8 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का उद्घाटन किया। यह अफ्रीका में किसी भारतीय रक्षा कंपनी का पहला संयंत्र है। रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह कदम भारत और अफ्रीका के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करेगा।

मसूद अजहर और आतंकवाद पर कड़ा रुख
रक्षा मंत्री ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के अगले दिन उन्होंने CDS, तीनों सेनाध्यक्षों और रक्षा सचिव के साथ बैठक में यह पूछा था कि अगर सरकार आदेश दे तो क्या सेना पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने कहा, “भारत ने आतंकियों को उनके धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि उनके कर्म और अपराध के आधार पर निशाना बनाया। आतंकवादी हमारे लोगों को धर्म पूछकर मारते हैं, लेकिन भारत ने उनके बुरे काम देखकर ही जवाब दिया।”
राजनाथ सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि भारत ने मसूद अजहर के परिवार को निशाना बनाया और उसे तबाह किया, जिससे यह संदेश गया कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर और भविष्य की संभावनाएं
राजनाथ सिंह के बयान से यह साफ संकेत मिलता है कि भारत PoK के लिए किसी भी समय सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि एक दिन PoK के लोग खुद कहेंगे कि वे भारत का हिस्सा बनना चाहते हैं। उनके अनुसार, यह देशभक्ति और जनसमर्थन के जरिए बिना लड़ाई के भी संभव है।
विश्लेषकों का मानना है कि राजनाथ सिंह का बयान न केवल राजनीतिक बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह संदेश पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों के लिए स्पष्ट है कि भारत अपनी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाने को तैयार है।
