रोजर बिन्नी के बाद राजीव शुक्ला बन सकते हैं बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में जुलाई 2025 से एक अहम बदलाव हो सकता है। विश्व कप विजेता ऑलराउंडर और मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी आगामी 19 जुलाई को 70 वर्ष के हो जाएंगे। बीसीसीआई के नियमों के मुताबिक, अध्यक्ष पद पर बने रहने की अधिकतम उम्र सीमा 70 वर्ष है। ऐसे में बिन्नी को पद छोड़ना होगा और इस खाली जगह को भरने के लिए उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
राजीव शुक्ला को मिल सकती है अंतरिम ज़िम्मेदारी
सूत्रों के अनुसार, 65 वर्षीय राजीव शुक्ला जुलाई से लेकर सितंबर तक के तीन महीने के लिए बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। इसके बाद सितंबर 2025 में प्रस्तावित वार्षिक आम बैठक (AGM) में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराया जाएगा, जिसमें शुक्ला पूर्णकालिक अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार हो सकते हैं।
रोजर बिन्नी का कार्यकाल: उपलब्धियों की सूची
अक्टूबर 2022 में बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर चुने गए रोजर बिन्नी का कार्यकाल भारतीय क्रिकेट के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। उनके नेतृत्व में भारत ने दो बड़े आईसीसी टूर्नामेंट—टी20 विश्व कप 2024 और चैंपियंस ट्रॉफी 2025—अपने नाम किए। यह बीसीसीआई की रणनीतिक स्थिरता और टीम इंडिया के प्रदर्शन दोनों का प्रमाण है।
इसके अलावा, बिन्नी के अध्यक्ष रहते महिला क्रिकेट को नया आयाम मिला। 2023 में ऐतिहासिक महिला प्रीमियर लीग (WPL) की शुरुआत की गई, जिसने भारत में महिला क्रिकेट की लोकप्रियता और व्यावसायिकता को नई ऊंचाई दी।

घरेलू क्रिकेट को भी मिला बढ़ावा
रोजर बिन्नी ने घरेलू क्रिकेट की मजबूती को प्राथमिकता दी। खिलाड़ियों के वेतन में बढ़ोतरी हुई, जिससे युवाओं को प्रोत्साहन मिला। साथ ही, टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों को घरेलू टूर्नामेंटों में खेलने के लिए अनिवार्य शर्तें लागू की गईं, ताकि घरेलू स्तर पर प्रतिस्पर्धा और अनुभव दोनों बेहतर हो सकें।
बिन्नी का क्रिकेट करियर
रोजर बिन्नी 1983 की विश्व कप विजेता भारतीय टीम के महत्वपूर्ण सदस्य रहे हैं। उन्होंने 27 टेस्ट और 72 वनडे मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 47 विकेट झटके और 830 रन बनाए, जिसमें 5 अर्धशतक शामिल हैं। वनडे में उन्होंने 77 विकेट लिए और 629 रन बनाए। 1983 विश्व कप में उन्होंने 18 विकेट लेकर भारत के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज का गौरव हासिल किया।
भविष्य की तैयारी
अब जब बिन्नी कार्यकाल पूरा कर पद छोड़ेंगे, तो बीसीसीआई को एक नई नेतृत्व दिशा की ओर बढ़ना होगा। राजीव शुक्ला का प्रशासनिक अनुभव और बोर्ड में वर्षों की भागीदारी उन्हें इस भूमिका के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार बनाती है। शुक्ला पहले भी आईपीएल चेयरमैन रह चुके हैं और बोर्ड की कार्यप्रणाली में उनकी गहरी पकड़ मानी जाती है।
बीसीसीआई की आगामी AGM में यह तय होगा कि भारत में क्रिकेट का अगला नेतृत्व किसके हाथों में होगा, लेकिन इतना तय है कि बिन्नी का कार्यकाल क्रिकेट के इतिहास में एक यादगार अध्याय के रूप में दर्ज रहेगा।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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