महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों को मिलेगा सीधा लाभ
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने भारतीय रेलवे के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए ₹18,658 करोड़ की लागत से चार महत्वपूर्ण मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। ये परियोजनाएं रेलवे नेटवर्क को 1247 किलोमीटर तक विस्तारित करेंगी और 15 जिलों की करीब 47.25 लाख आबादी को लाभ पहुंचाएंगी।
मंजूरी प्राप्त चार परियोजनाएं
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि जिन परियोजनाओं को मंजूरी मिली है, वे इस प्रकार हैं:
- संबलपुर-जरापदा तीसरी और चौथी लाइन (ओडिशा)
- झारसुगुड़ा-सासोन तीसरी और चौथी लाइन (ओडिशा)
- खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा पाँचवीं और छठवीं लाइन (छत्तीसगढ़)
- गोंदिया-बल्हारशाह दोहरीकरण (महाराष्ट्र)
PM गति शक्ति मास्टर प्लान का परिणाम
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि ये परियोजनाएं पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई हैं। इससे न केवल ट्रैफिक कंजेशन में कमी आएगी बल्कि नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए रास्ता भी खुलेगा।
खरसिया-परमलकसा प्रोजेक्ट: 8741 करोड़ की बड़ी योजना
खास तौर पर खरसिया से परमलकसा तक की परियोजना बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसकी अनुमानित लागत ₹8741 करोड़ है, जिसमें शामिल हैं:
- 21 स्टेशन
- 48 बड़े ब्रिज
- 349 छोटे ब्रिज
- 14 फ्लाईओवर
- 184 अंडरपास
- 5 रेल फ्लाईओवर
इस प्रोजेक्ट से छत्तीसगढ़ में वंदे भारत, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की नई मांग को पूरा किया जाएगा।
नए रेलवे स्टेशन और गांवों को कनेक्टिविटी
मंत्री ने बताया कि इन परियोजनाओं के अंतर्गत 19 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण होगा। इससे गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) और राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) जैसे सीमावर्ती और पिछड़े क्षेत्रों को मुख्यधारा की कनेक्टिविटी मिलेगी।
पर्यावरण हितैषी और लागत प्रभावी रेलवे
रेलवे को पर्यावरण के अनुकूल और लागत प्रभावी परिवहन साधन बताते हुए मंत्री ने कहा कि यह योजना:
- 95 करोड़ लीटर तेल की बचत करेगी
- 477 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी लाएगी
- यह प्रभाव 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम-2 को भी मंजूरी
केंद्र सरकार ने सीमा से सटे गांवों के समग्र विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम-2 को भी स्वीकृति दे दी है। इसकी कुल लागत ₹6839 करोड़ होगी, जिसे पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य
- सीमावर्ती गांवों में आधुनिक जीवन सुविधाएं देना
- सीमावर्ती जनता को राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ना
- सीमापार अपराध पर अंकुश लगाना
- गांवों को BSF की आंख और कान बनाना
किन राज्यों में लागू होगा कार्यक्रम
यह योजना 17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की जाएगी, जिनमें शामिल हैं:
अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल।
स्वदेश ज्योति के द्वारा।
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