June 9, 2025 3:14 PM

ठाणे में रेलवे हादसा: चलती लोकल ट्रेन से गिरे यात्री, तीन की मौत की आशंका, भीड़ बनी वजह

  • सोमवार सुबह ठाणे जिले के मुंब्रा रेलवे स्टेशन पर बड़ा रेल हादसा हुआ
  • चलती ट्रेन से गिरने के कारण तीन लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही

ठाणे (महाराष्ट्र)। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की जीवनरेखा मानी जाने वाली लोकल ट्रेनों में एक बार फिर भीड़ ने मौत की वजह बनकर दस्तक दी है। सोमवार सुबह ठाणे जिले के मुंब्रा रेलवे स्टेशन पर बड़ा रेल हादसा हुआ, जिसमें चलती ट्रेन से गिरने के कारण तीन लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है, जबकि कई अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

हादसे की वजह बनी भीड़, क्रॉसिंग के वक्त बिगड़ा संतुलन

यह घटना तब हुई जब पुष्पक एक्सप्रेस और कसारा लोकल ट्रेन एक-दूसरे को क्रॉस कर रही थीं। चश्मदीदों के मुताबिक, लोकल ट्रेन में पहले से ही अत्यधिक भीड़ थी। क्रॉसिंग के समय झटका लगते ही कुछ यात्री संतुलन खो बैठे और चलती ट्रेन से नीचे गिर गए। हादसे का स्थान मुंब्रा और दीवा रेलवे स्टेशन के बीच का बताया जा रहा है।

मृतकों की पुष्टि जल्द

अब तक तीन यात्रियों की मौत की आशंका जताई जा रही है, हालांकि प्रशासन द्वारा आधिकारिक पुष्टि बाकी है। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और कई की हालत नाजुक बताई जा रही है। ठाणे जीआरपी की वरिष्ठ अधिकारी अर्चना दुसाने ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रशासन को तुरंत अलर्ट कर दिया गया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ।

रेलवे की लापरवाही पर सवाल

मुंबई की लोकल ट्रेनें पहले ही ओवरलोड और संरचनात्मक दबाव का शिकार हैं। यह हादसा एक बार फिर इस ओर इशारा करता है कि भीड़ नियंत्रण और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे की तैयारी कितनी लचर है। सुबह-शाम की लोकल ट्रेनों में लोग लटककर यात्रा करने को मजबूर हैं।

सवाल उठाता है सिस्टम

रेलवे ने लाखों यात्रियों की रोज़मर्रा की जरूरतों के हिसाब से ढांचा तो खड़ा किया, लेकिन बढ़ती आबादी और यात्रियों की संख्या के मुकाबले सुरक्षा और सुविधा में कोई ठोस सुधार नहीं किया गया। ऐसे में एक मामूली झटका भी जानलेवा बन जाता है।

ज़िम्मेदारी तय होनी चाहिए

हर साल मुंबई की लोकल ट्रेनें कई जिंदगियां निगल जाती हैं। क्या यह हादसा भी आंकड़ों का हिस्सा बनकर रह जाएगा, या रेलवे और प्रशासन इस बार कोई ठोस कदम उठाएंगे? जवाबदेही तय करना और भीड़ नियंत्रण की प्रभावी नीति बनाना अब जरूरी हो गया है।

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