हिमांशी के बयान पर नहीं की कोई टिप्पणी, कांग्रेस नेताओं ने जताई संवेदना
करनाल (हरियाणा)।
कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी मंगलवार को हरियाणा के करनाल में शहीद नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिजनों से मिलने पहुंचे। राहुल गांधी ने करीब एक घंटे 35 मिनट तक शहीद के घर रुककर परिवार से एकांत में बातचीत की और उन्हें ढांढस बंधाया। वे दोपहर 2:15 बजे शहीद के घर से रवाना हुए।
राहुल गांधी के साथ कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी का दौरा पूरी तरह से श्रद्धांजलि और संवेदना जताने के उद्देश्य से था। उन्होंने कहा कि शहीद की पत्नी हिमांशी की ट्रोलिंग या किसी अन्य विषय पर टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य नहीं है, हमारा फोकस केवल शहीद और उनके परिवार के प्रति सम्मान प्रकट करना था।

📌 पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए थे लेफ्टिनेंट नरवाल
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह हमला उस वक्त हुआ जब वे अपनी पत्नी हिमांशी के साथ घूमने निकले थे। यह उनकी शादी के महज 7वें दिन की घटना थी, जब आतंकियों ने हिमांशी के सामने ही तीन गोलियां मारकर नरवाल की हत्या कर दी।
हमले के प्रत्यक्षदर्शी के तौर पर हिमांशी ने ही सबसे पहले यह जानकारी दी थी कि आतंकियों ने नाम पूछ-पूछकर टूरिस्टों को गोली मारी थी। इस हमले में कुल 26 पर्यटकों की मौत हुई थी। हिमांशी का यह बयान राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहा और उनके साहस को लोगों ने सराहा।
🗣 हिमांशी का बयान और उस पर मचा बवाल
हमले के बाद कुछ समुदाय विशेष के खिलाफ फैल रही नफरत पर शहीद की पत्नी हिमांशी ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि किसी धर्म या समुदाय को दोष देना गलत है, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें एकजुट होना चाहिए, न कि बांटना चाहिए। हालांकि, सोशल मीडिया पर उनके इस बयान को लेकर काफी ट्रोलिंग की गई थी।

💰 हरियाणा सरकार ने दी आर्थिक सहायता और नौकरी का ऐलान
राज्य सरकार ने भी शहीद के परिवार के लिए मदद का ऐलान किया है। 5 मई को हुई कैबिनेट बैठक में हरियाणा सरकार ने लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मंजूरी दी है। यह फैसला एक सम्मानजनक श्रद्धांजलि के रूप में देखा जा रहा है, जो उन शहीद परिवारों के प्रति राज्य का कर्तव्य दर्शाता है जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
🕊️ राहुल गांधी का दौरा रहा शांत और मर्यादित
राहुल गांधी ने पूरे दौरे में किसी भी राजनीतिक बयानबाज़ी से परहेज़ किया और केवल शहीद के परिवार के साथ समय बिताया। कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि यह यात्रा मानवीय और संवेदनात्मक उद्देश्य से की गई थी, न कि किसी राजनीतिक लाभ के लिए।
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