राहुल गांधी मानहानि केस: गवाह नहीं आया, अब 14 जुलाई को होगी सुनवाई
सुलतानपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे मानहानि मामले में बुधवार को सुलतानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई एक बार फिर टल गई। वजह रही – मामले में अगला गवाह कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सका, जिस कारण अब अगली सुनवाई की तिथि 14 जुलाई 2025 नियत की गई है।
गवाह से होनी थी जिरह
मामले के परिवादी भाजपा नेता विजय मिश्रा के अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय ने बताया कि आज गवाह से जिरह होनी थी, लेकिन गवाह के अनुपस्थित रहने के कारण कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकी। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 14 जुलाई तय की है।
क्या है मामला?
सुलतानपुर के हनुमानगंज निवासी और भाजपा नेता विजय मिश्रा ने वर्ष 2018 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का परिवाद दाखिल किया था। उनका आरोप था कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने भाजपा नेताओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी, जिससे वे व्यक्तिगत रूप से आहत हुए।
पांच वर्षों तक मामले में सुनवाई चलती रही और राहुल गांधी की ओर से पेशी न होने पर दिसंबर 2023 में कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया। इसके बाद फरवरी 2024 में राहुल गांधी ने कोर्ट में सरेंडर किया और 25-25 हजार रुपए के दो मुचलकों पर उन्हें जमानत मिल गई।
राहुल गांधी ने खुद को बताया निर्दोष
राहुल गांधी को कोर्ट ने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया। कई तारीखों के बाद वे 26 जुलाई 2024 को कोर्ट में उपस्थित हुए और उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि यह मुकदमा राजनीतिक साजिश का हिस्सा है और वे पूरी तरह निर्दोष हैं।
लगातार टलती रही सुनवाई
- जनवरी 2025 में दो बार (10 और 22 जनवरी) सुनवाई होनी थी, लेकिन अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते टल गई।
- 30 जनवरी को उनके वकील काशी शुक्ला के अस्वस्थ होने के कारण जिरह नहीं हो सकी।
- 11 फरवरी 2025 को कोर्ट में प्रथम गवाह से जिरह पूरी की गई।
- इसके बाद दूसरे गवाह से जिरह के लिए अप्रैल, मई और जून में सुनवाई की तिथियां नियत हुईं, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकी।
- अब चौथी बार तिथि तय की गई है, जो 14 जुलाई 2025 है।
राजनीतिक रंग लेता मामला
यह मामला अब न सिर्फ कानूनी, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी चर्चित हो गया है। कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है, जबकि भाजपा नेता इसे न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा मान रहे हैं। आगामी सुनवाई में दूसरे गवाह से जिरह होने की संभावना है, जो मामले में निर्णायक मोड़ ला सकती है।
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