राहुल गांधी मानहानि मामला: अमित शाह पर टिप्पणी को लेकर सुलतानपुर कोर्ट में सुनवाई, गवाह से जिरह 23 सितंबर को
सुलतानपुर।
उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे मानहानि मामले की सुनवाई मंगलवार को हुई। यह मामला वर्ष 2018 का है, जब राहुल गांधी ने बेंगलुरु में एक जनसभा के दौरान तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष और मौजूदा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी से आहत होकर भाजपा नेता और कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन विजय मिश्र ने 4 अगस्त 2018 को राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
गवाह की गवाही दर्ज, लेकिन जिरह अधूरी
मंगलवार को सुनवाई के दौरान पीताम्बरपुर निवासी गवाह अनिल मिश्र की गवाही अदालत में दर्ज की गई। इसके बाद बचाव पक्ष की ओर से गवाह से जिरह शुरू हुई। हालांकि समयाभाव के चलते जिरह पूरी नहीं हो पाई। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 सितंबर की तिथि तय की है, ताकि बचाव पक्ष गवाह से शेष प्रश्न पूछ सके।
पांच साल लंबी प्रक्रिया और राहुल गांधी की पेशियां
इस मानहानि मामले में अदालत की कार्यवाही लगभग पांच साल से जारी है। शुरुआती दौर में राहुल गांधी अदालत में हाजिर नहीं हुए। इसके चलते दिसंबर 2023 में तत्कालीन न्यायाधीश ने उनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया था। बाद में फरवरी 2024 में राहुल गांधी ने अदालत में सरेंडर किया और विशेष मजिस्ट्रेट ने उन्हें दो मुचलकों पर जमानत दे दी थी।
इसके बाद अदालत ने राहुल गांधी को बयान दर्ज करने के लिए तलब किया। कई बार तारीख पड़ने के बाद 26 जुलाई 2024 को राहुल गांधी अदालत पहुंचे और उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया। इस दौरान राहुल गांधी ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए कहा कि यह मामला राजनीतिक साजिश का हिस्सा है और उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया है।

तारीख पर तारीख, लेकिन कार्यवाही अधूरी
वर्ष 2025 की शुरुआत में भी इस मामले की सुनवाई लगातार टलती रही। 2 जनवरी को जिरह पूरी नहीं हो सकी, जिसके बाद अदालत ने 10 जनवरी और 22 जनवरी की तिथियां नियत कीं। लेकिन दोनों ही तारीखों पर वकीलों की हड़ताल के कारण कार्यवाही नहीं हो पाई। 30 जनवरी को भी राहुल गांधी के अधिवक्ता काशी शुक्ला की अस्वस्थता के कारण जिरह अधूरी रह गई।
बाद में 11 फरवरी को राहुल गांधी के वकील काशी प्रसाद शुक्ला ने परिवादी से जिरह पूरी की। इसके बाद अदालत ने गवाहों से जिरह के लिए कई बार तारीख तय की, लेकिन किसी न किसी कारण से कार्यवाही अधूरी रह गई। अप्रैल, मई, जुलाई और अगस्त 2025 में भी सुनवाई निर्धारित हुई, लेकिन पूरी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी।
अगली तारीख पर टिकी निगाहें
अब अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 23 सितंबर की तिथि तय की है। इस दिन बचाव पक्ष गवाह अनिल मिश्र से शेष जिरह पूरी करेगा। अदालत की कार्यवाही को लेकर अब सुलतानपुर की राजनीति में भी सरगर्मी बनी हुई है। भाजपा नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी ने अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेता की छवि को धूमिल करने की कोशिश की थी, इसलिए उन्हें सजा मिलनी चाहिए। वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है।
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का यह मुकदमा लंबे समय से चल रहा है और इसमें लगातार तारीखें पड़ रही हैं। पांच साल से अधिक समय बीतने के बाद भी मामला अंतिम नतीजे तक नहीं पहुंच पाया है। अब देखना होगा कि 23 सितंबर को होने वाली सुनवाई में अदालत की प्रक्रिया कितनी आगे बढ़ती है।
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