- रहमान की संगीत यात्रा के उन अनकहे पलों में से, जहां रचनात्मकता सीमाओं को लांघ जाती है और अनायास ही एक नया संगीत जन्म लेता
गायिका जोनिता गांधी की एक सहज-सी गुनगुनाहट जब ऑस्कर विजेता संगीतकार ए.आर. रहमान के कानों तक पहुंची, तो वह सिर्फ रिहर्सल नहीं रही — वह बन गई एक पूरा गाना। यह किस्सा है रहमान की संगीत यात्रा के उन अनकहे पलों में से, जहां रचनात्मकता सीमाओं को लांघ जाती है और अनायास ही एक नया संगीत जन्म लेता है।
“मैं तो सिर्फ गुनगुना रही थी…”
जोनिता गांधी ने हाल ही में आईएएनएस से बातचीत में बताया कि कैसे रहमान के स्टूडियो में उनका एक अनौपचारिक रिहर्सल, एक गाने की शक्ल ले बैठा।
“मैं ‘कहां हूं मैं’ गाने की धुन सीख रही थी और उसी दौरान कुछ पंक्तियां गुनगुना रही थी। तब मुझे यह एहसास भी नहीं था कि रहमान सर रिकॉर्डिंग कर रहे हैं,” उन्होंने बताया।
बाद में जब फिल्म हाईवे का म्यूजिक रिलीज हुआ, तो उन्होंने चौंकाने वाली बात देखी — एल्बम में एक और गाने ‘इम्प्लोसिव साइलेंस’ में उनका नाम शामिल था।
“वह मेरी आवाज ही थी… मगर मैंने गाया नहीं था”
पहले तो जोनिता को लगा कि शायद किसी तकनीकी गलती से उनका नाम जोड़ दिया गया है, लेकिन टीम ने साफ किया कि इस गाने में उपयोग हुई आवाज दरअसल उसी वक्त की रिकॉर्डिंग थी, जब वह सिर्फ रियाज़ कर रही थीं।
“मुझे तब समझ आया कि मेरे रिहर्सल की वो सरल-सी धुनें रहमान सर को इतनी पसंद आईं कि उन्होंने उसी से एक नया संगीत तैयार कर लिया,” जोनिता ने मुस्कुराते हुए कहा।
ए.आर. रहमान: जहां ‘अनकहा’ भी संगीत बन जाता है
यह घटना सिर्फ एक संयोग नहीं, बल्कि रहमान के संगीत की आत्मा को दर्शाती है — जहां एक सहज लय, एक गुमसुम स्वर या एक अभ्यास की धुन भी किसी गीत का आधार बन सकती है।
ए.आर. रहमान, जिन्हें पूरी दुनिया उनके प्रयोगात्मक और आत्मीय संगीत के लिए जानती है, अक्सर रिकॉर्डिंग के दौरान कलाकारों की नैसर्गिक अभिव्यक्ति को संरक्षित करते हैं।
जोनिता कहती हैं, “उनके साथ काम करना एक जादुई अनुभव होता है। रहमान सर कभी नहीं बताते कि वो क्या उपयोग करेंगे। वो बस हर क्षण को संजोते हैं और वही संगीत बन जाता है।”
जोनिता गांधी: जो सहजता को बना दें पहचान
कनाडा में पली-बढ़ीं जोनिता गांधी, अब बॉलीवुड से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों तक अपनी आवाज का जादू बिखेर रही हैं।
उनकी आवाज़ में पश्चिमी प्रशिक्षण की बारीकी भी है और भारतीय संगीत की आत्मा भी।
रहमान जैसे उस्तादों के साथ काम करना उनके लिए हमेशा एक सीखने वाला अनुभव रहा है।
“उनके साथ काम करते हुए मैंने सीखा कि कैसे किसी भी पल को संगीत में बदला जा सकता है,” वे कहती हैं।
जब संगीत सीमाएं लांघता है
यह कहानी महज़ एक रिकॉर्डिंग की नहीं है, यह उस विश्वास की कहानी है, जहां एक कलाकार की सहजता और दूसरे की कल्पनाशीलता मिलकर कुछ अप्रत्याशित, लेकिन बेहद खूबसूरत रच देती है। ए.आर. रहमान के संगीत संसार में हर क्षण, हर आवाज़ में संभावना छिपी होती है, और जोनिता गांधी की गुनगुनाहट इसका उदाहरण है।