कतर में यूपीआई लागू हुआ — भारतीय पर्यटकों के लिए बड़ी सुविधा
किस साझेदारी से यह शुरू हुआ
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की अंतरराष्ट्रीय इकाई एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड और कतर नेशनल बैंक के बीच हुई हालिया साझेदारी के तहत अब कतर में भी भारतीय मोबाइल आधारित भुगतान प्रणाली यूपीआई से भुगतान किया जा सकेगा। शुरुआत में यह सुविधा उन्हीं व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं के यहाँ लागू होगी जिनके पास कतर नेशनल बैंक या उसके तकनीकी साझेदारों के द्वारा इंस्टॉल किए गए भुगतान उपकरण हैं। कुछ प्रमुख हवाईअड्डों और प्रमुख पारगमन व पर्यटन केंद्रों पर यह सुविधा पहले चरण में उपलब्ध कराई जा रही है।

यह सुविधा कैसे काम करेगी
यात्रियों को अपने फोन के यूपीआई ऐप में मौजूद क्यूआर कोड स्कैन करना होगा या प्वाइंट-ऑफ-सेल मशीन पर मोबाइल-स्क्रीन दिखाकर पेमेंट पूरा करना होगा। भुगतान तत्काल रूप से ठीक उसी तरह संसाधित होगा जैसे भारत में होता है, और भुगतान पक्ष के बैंक आपसी समन्वय के आधार पर मुद्रा रूपांतरण और आवश्यक नीतिगत प्रावधानों का पालन करेंगे। कतर में करमुक्त बाजारों और प्रमुख रिटेल पॉइंट्स पर यह सुविधा सबसे पहले उपलब्ध कराई जा रही है ताकि एयरपोर्ट पर आने वाले भारतीय यात्रियों को तात्कालिक लाभ मिल सके।

यात्रियों के लिए सीधा लाभ
कतर में यात्रा कर रहे भारतीय नागरिक अब अपने साथ बड़ी मात्रा में नकदी रखने या बार-बार विनिमय कराने की झंझट से मुक्ति पा सकेंगे। शॉपिंग, रेस्टोरेंट, परिवहन और अन्य सेवाओं के भुगतान में यूपीआई एप के प्रयोग से समय की बचत होगी और छोटे-छोटे खर्चों के लिए एटीएम की तलाश करने की आवश्यकता घटेगी। इस पहल से कतर की यात्रा और खरीदारी अनुभव अधिक सरल, तेज और पारदर्शी बन जाएगा, जो विशेषकर उन पर्यटकों के लिए लाभकारी है जो केवल अपने मोबाइल पर निर्भर रहना पसंद करते हैं।
व्यापार और अर्थव्यवस्था पर असर
कतर में भुगतान सुविधा के विस्तार से स्थानीय विक्रेताओं को भी फायदेमंद लेनदेन मिलने की संभावना है क्योंकि भारतीय पर्यटकों की खरीददारी और ट्रांजैक्शन में सहजता आने से बिक्री बढ़ सकती है। साथ ही यह कदम दोनों देशों के बीच डिजिटल वाणिज्य और वित्तीय सहकारिता को बल देगा, जिससे पर्यटन और खुदरा व्यापार में नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
संभावित चुनौतियाँ और आवश्यक तैयारी
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूपीआई लागू करने में तकनीकी संगतता, क्यूआर कोड की इंटरऑपरेबिलिटी, मुद्रा रूपांतरण शुल्क और डेटा सुरक्षा जैसे मुद्दे सामने आते हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए बैंकिंग पार्टनर्स और भुगतान नेटवर्कों को नियामक आवश्यकताओं, ग्राहक सुरक्षा और भुगतान प्रक्रिया के सुचारू संचालन पर ध्यान देना होगा। एनपीसीआई और कतर के साझेदार इन पहलुओं पर समन्वय कर रहे हैं ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और निर्बाध भुगतान अनुभव मिल सके।
यूपीआई का वैश्विक प्रसार और सांस्कृतिक महत्व
यूपआई का विस्तार केवल भुगतान सुविधा तक सीमित नहीं रहता; यह भारत की डिजिटल क्षमताओं और वित्तीय नवाचार की वैश्विक स्वीकार्यता का प्रतीक भी बनता जा रहा है। जिस तरह भारतीय संस्कृति, योग और सिनेमा ने भारत की पहचान को दुनिया में पहचाना है, उसी प्रकार यूपीआई ने तकनीकी नेतृत्व के रूप में भारत की छवि को मज़बूत किया है। कतर में यूपीआई की स्वीकार्यता यह दर्शाती है कि भारतीय डिजिटलीकरण का प्रभाव अब सीमा पार कर रहा है और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में उसकी हिस्सेदारी बढ़ रही है।
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