नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच गहराते रणनीतिक संबंधों को नई मजबूती देने के उद्देश्य से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आगामी भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन-2025 में शामिल होने के लिए भारत दौरे पर आएंगे। यह सम्मेलन भारत की मेजबानी में होगा और दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान और तकनीक जैसे अनेक क्षेत्रों में सहयोग को लेकर अहम फैसले लिए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति को टेलीफोन पर औपचारिक रूप से भारत आने का आमंत्रण दिया, जिसे पुतिन ने सौहार्दपूर्वक स्वीकार कर लिया। क्रेमलिन द्वारा जारी बयान में कहा गया कि यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
इन क्षेत्रों में होगी चर्चा
भारत-रूस शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच हर साल आयोजित होने वाली सबसे अहम द्विपक्षीय बैठक है। इस बार भी इसमें निम्नलिखित क्षेत्रों में चर्चा होगी:
- रणनीतिक साझेदारी और रक्षा सहयोग
- ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा
- विज्ञान, तकनीक व अंतरिक्ष में साझेदारी
- व्यापार और निवेश को बढ़ावा
- संस्कृतिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान
पिछला सम्मेलन मॉस्को में हुआ था
गौरतलब है कि 22वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन जुलाई 2024 में मॉस्को में आयोजित हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन दोनों ने भाग लिया था। उस दौरान दोनों नेताओं ने आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का संकल्प लिया था और विशेष रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने पर सहमति जताई थी।
पुतिन का आगामी भारत दौरा न केवल द्विपक्षीय सहयोग को विस्तार देगा, बल्कि वैश्विक मंचों पर भारत और रूस के बढ़ते तालमेल को भी दर्शाएगा।
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