October 30, 2025 2:12 PM

पुतिन का दावा: रूस ने यूक्रेन के दो शहरों को चारों ओर से घेरा, कीव ने बताया झूठ; दोनों देशों में तेज़ लड़ाई जारी

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  • यूक्रेन बोला – “स्थिति कठिन है पर नियंत्रण में”; अमेरिका को संदेश देने की कोशिश में रूस, दोनों मोर्चों पर बढ़ी गोलाबारी

मॉस्को/कीव। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने एक बार फिर तनावपूर्ण मोड़ ले लिया है। बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया कि रूसी सेना ने यूक्रेन के दो प्रमुख शहरों — पोकरोव्स्क (डोनेट्स्क क्षेत्र) और कुपियांस्क (खार्किव क्षेत्र) — को चारों ओर से घेर लिया है। लेकिन यूक्रेन ने इस दावे को “झूठ और कल्पना” बताते हुए खारिज कर दिया है। पुतिन ने यह बयान मॉस्को के एक सैन्य अस्पताल में घायल सैनिकों से बातचीत के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि दोनों शहरों में यूक्रेनी सैनिक फंसे हुए हैं और रूस उनके आत्मसमर्पण के लिए बातचीत को तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस विदेशी और यूक्रेनी पत्रकारों के लिए सुरक्षित रास्ते खोलेगा, ताकि वे “अपनी आंखों से देख सकें कि असल में वहां क्या हो रहा है।” पुतिन के अनुसार, रूसी सेना ने पोकरोव्स्क और कुपियांस्क को चारों दिशाओं से घेर लिया है और यूक्रेनी बल अब वहां से निकल नहीं पा रहे हैं।

यूक्रेन ने पलटवार करते हुए कहा — “यह सब पुतिन की कल्पना है”

पुतिन के दावे के कुछ ही घंटे बाद, यूक्रेन की सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बयान को “राजनीतिक प्रचार” बताया। यूक्रेन की पूर्वी कमान के प्रवक्ता ह्रिहोरी शापोवाल ने कहा, *“स्थिति कठिन जरूर है, लेकिन हमारे नियंत्रण में है। रूस ने करीब 11,000 सैनिक शहर को घेरने के लिए भेजे हैं, परंतु वह अभी तक पोकरोव्स्क का पूरा नियंत्रण नहीं ले सका है। यूक्रेनी 7वें रैपिड रिएक्शन कोर ने बताया कि कुछ रूसी यूनिट्स ने शहर के बाहरी इलाकों में घुसपैठ की है, लेकिन भीतर का नियंत्रण पूरी तरह यूक्रेन के पास है। यूक्रेन के संयुक्त बलों के प्रवक्ता विक्टर त्रेहूबोव ने स्पष्ट कहा, “आसान भाषा में कहें तो कोई घेराबंदी नहीं है। जमीन पर वास्तविकता कुछ और है।”

अमेरिकी थिंक टैंक का विश्लेषण

अमेरिका के ‘इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर (ISW)’ ने भी अपने ताज़ा आकलन में पुतिन के दावों को संदिग्ध बताया। थिंक टैंक के अनुसार, रूस ने पोकरोव्स्क के आसपास थोड़ी सामरिक बढ़त जरूर हासिल की है, लेकिन अभी वह शहर के भीतर किसी भी महत्वपूर्ण क्षेत्र पर कब्जा नहीं कर सका है। रिपोर्ट के अनुसार, रूस का यह दावा संभवतः राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है, ताकि यूक्रेन के सहयोगी देशों — विशेष रूप से अमेरिका — पर यह संदेश जाए कि कीव की स्थिति कमजोर हो चुकी है।

क्या है पुतिन का कूटनीतिक दांव?

रूसी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका और नाटो देश यूक्रेन को नई सैन्य सहायता देने पर विचार कर रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि पुतिन की यह रणनीति अमेरिका को यह विश्वास दिलाने की कोशिश है कि यूक्रेन को समर्थन देना अब “बेकार” है, क्योंकि रूस सैन्य रूप से कहीं अधिक शक्तिशाली है। पुतिन ने इस दौरान रूस की परमाणु क्षमता में सुधार का भी उल्लेख किया और कहा कि *“रूस अपने युद्ध लक्ष्यों से पीछे नहीं हटेगा।”

मोर्चों पर जारी घमासान लड़ाई

दोनों देशों की सेनाएं पोकरोव्स्क और कुपियांस्क के आसपास भीषण लड़ाई में उलझी हुई हैं। रिपोर्टों के अनुसार, शहरों में घर-घर युद्ध चल रहा है। ड्रोन और तोपों से सड़कों और भवनों को निशाना बनाया जा रहा है। यूक्रेनी सेना ने ड्रोन के जरिए सैनिकों को भोजन, दवाइयाँ और गोला-बारूद पहुंचाने की नई तकनीक अपनाई है। वहीं, रूसी सेना लगातार रॉकेट और क्लस्टर बमों से हमला कर रही है।

यूक्रेन के हमले और रूस की जवाबी कार्रवाई

यूक्रेन ने भी रूस के भीतर कई ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं। यूक्रेनी सेना ने दावा किया कि इन हमलों से रूस की तेल रिफाइनरियों और सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उसकी सेना ने पांच क्षेत्रों में 100 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए हैं। मॉस्को क्षेत्र के तीन हवाई अड्डों समेत 13 एयरपोर्ट पर उड़ानें अस्थायी रूप से रोकी गईं। इसके जवाब में रूस ने यूक्रेन के छह क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया। इन हमलों में 13 लोग घायल हुए हैं, जिनमें एक नौ साल का बच्चा भी शामिल है। यूक्रेनी वायुसेना के अनुसार, रूस ने एक ही रात में 126 ड्रोन दागे, जिनमें से कई को गिरा दिया गया।

युद्ध अब “मनोवैज्ञानिक मोर्चे” पर भी

विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन और रूस के बीच यह संघर्ष अब सिर्फ सैन्य नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक युद्ध बन चुका है। रूस लगातार अपने दावों से कीव और उसके सहयोगियों पर दबाव बना रहा है, जबकि यूक्रेन वास्तविक नियंत्रण और प्रतिरोध के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वह अब भी लड़ाई में मजबूती से डटा हुआ है।

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