July 7, 2025 10:03 PM

पूर्णिया में दिल दहला देने वाला कांड: झाड़-फूंक के अंधविश्वास में एक ही परिवार के 5 लोगों की पीट-पीटकर हत्या, फिर जिंदा जलाकर तालाब में फेंका

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15 साल का इकलौता बेटा किसी तरह बचा; आरोपी बोले- डीजल छिड़क कर जलाया

पूर्णिया में झाड़-फूंक के शक में 5 लोगों की हत्या, जिंदा जलाकर तालाब में फेंके शव

पूर्णिया (बिहार)। बिहार के पूर्णिया जिले से इंसानियत को झकझोर देने वाली एक वीभत्स घटना सामने आई है। यहां अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के संदेह में एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई। इसके बाद उनके शवों को जला कर बोरों में भरकर तालाब में फेंक दिया गया। मृतकों में दंपती, उनकी मां, बहू और बेटा शामिल हैं।

घटना पूर्णिया जिले के अमौर थाना क्षेत्र के फुलवारी गांव की है। रविवार रात से ही परिवार के सदस्य लापता थे। सोमवार शाम जब पुलिस को सूचना मिली तो उन्होंने तालाब की तलाशी ली। डेढ़ किलोमीटर दूर तालाब में जलकुंभियों के बीच बोरों में बंद जले हुए शव बरामद किए गए। सभी शव 80 फीसदी से अधिक जल चुके थे।

बेटा बोला: “मेरे सामने परिवार को पीट-पीटकर मार डाला”

15 वर्षीय सोनू, जो बाबूलाल उरांव का बेटा है, किसी तरह अपनी जान बचाकर भागा और नानी के घर पहुंचा। उसी ने पूरी घटना की जानकारी पुलिस तक पहुंचाई। सोनू ने बताया कि रविवार रात करीब 10 बजे अचानक 50 से ज्यादा लोग उनके घर में घुस आए और उसकी मां सीता देवी पर डायन होने का आरोप लगाकर लाठी-डंडों से हमला कर दिया।

सोनू के अनुसार, “मेरे सामने ही मां, पापा, दादी, भाभी और भाई को बेरहमी से पीटा गया। फिर उन्हें कहीं ले जाया गया। कुछ लोगों ने डीजल लाकर उन पर छिड़का और आग लगा दी। मैंने खुद लाशों को ले जाते देखा, लेकिन वहां से जान बचाकर भाग निकला।”

पुलिस और SIT ने की जांच शुरू, 3 आरोपी गिरफ्तार

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सदर डीएसपी पंकज शर्मा ने बताया कि यह उरांव समुदाय का गांव है और मृतकों का परिवार झाड़-फूंक से जुड़ा हुआ था। गांव में तीन दिन पहले एक बच्चे की मौत हो गई थी, जिसके बाद गांव वालों ने इस घटना के पीछे बाबूलाल के परिवार को जिम्मेदार मान लिया।

डीएसपी ने कहा कि “अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पीड़ितों को जिंदा जलाया गया या मारने के बाद जलाया गया। फॉरेंसिक जांच जारी है। डॉग स्क्वॉड की मदद ली गई है और SIT का गठन कर दिया गया है। पूरे गांव के खिलाफ साजिश और हत्या की जांच हो रही है।”

देश में लगातार बढ़ रहा अंधविश्वास से जुड़ा अपराध

यह घटना न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश को शर्मसार करने वाली है। अंधविश्वास के नाम पर जिस तरह पांच लोगों को जिंदा जलाकर मार डाला गया, वह यह सवाल उठाता है कि क्या आज भी ग्रामीण भारत में तंत्र-मंत्र और डायन-भूत जैसे अंधविश्वास लोगों की सोच पर हावी हैं?

पुलिस का कहना है कि अन्य आरोपी फरार हैं और पूरे गांव के संदिग्ध लोगों की पहचान कर छापेमारी की जा रही है।



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